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जींद, 21 फ़रवरी (हि.स.)। जींद व आसपास के इलाकाें में गुरुवार की रात मौसम परिवर्तनशीलता के चलते तेज हवाओं के साथ हुई बारिश और ओलावृष्टि ने खेतों में खड़ी गेहूं की फसल को बिछा दिया। शुक्रवार को किसान खेतों में पहुंचे ओर फसलों को संभाला। रात को जींद के 20 से ज्यादा गांवों में ओले पड़े। 20 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से चली हवाओं के कारण गेहूं की फसल बिछ गई। ओलावृष्टि से गेहूं के साथ-साथ सरसों की फसल को भी नुकसान हुआ है।
गुरुवार शाम को छह बजे के बाद मौसम ने अचानक करवट ली और तेज हवाएं चलने लगीं। इसके बाद नरवाना क्षेत्र में बारिश और ओलावृष्टि हुई। इसके बाद उचाना और फिर जींद तथा पिल्लूखेड़ा में बारिश के साथ ओले पड़े। नरवाना के दातासिंहवाला, उझाना, बेलरखां, भाणा ब्राह्मणान, नेपेवाला, सिंघवाल, खरकभूरा, उचाना, बड़ौदा, घोघडिय़ां, कहसून, खटकड़, झांझ, बड़ौदी, अहिरका, जींद, मोरखी, लुदाना, मालश्री खेड़ा समेत 20 से ज्यादा गांवों में ओलों की सफेद चादर बिछ गई।
करीब 10 से 15 मिनट तक केवल ओले ही पड़े। इसके बाद बारिश शुरू हो गई। ओलावृष्टि से सरसों की फसल पर आया फल झड़ गया है। करीब 20 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से हवा चली। जिन किसानों ने गेहूं की फसल में पिछले दो- तीन दिनों के दौरान सिंचाई की है, वो फसल तेज हवा चलने की वजह से गिर गई है। फसल गिरने से उत्पादन घटेगा।
जिले में करीब 2.15 लाख हेक्टेयर में गेहूं की फसल है। जनवरी व फरवरी के पहले पखवाड़े में सामान्य से कम वर्षा होने और तापमान ज्यादा रहने की वजह से गेहूं की फसल पर प्रतिकूल असर पड़ा है। आगामी दिनों में भी तापमान ज्यादा रहता है और तेज हवा चलती है, तो उत्पादन घटने की आशंका है। कृषि विज्ञान केंद्र पिंडारा के मौसम वैज्ञानिक डा राजेश कुमार ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के आंशिक प्रभाव से जिले में कुछ स्थानों पर हल्की वर्षा और बाकी स्थानों पर बूंदाबांदी हुई है। आगामी कुछ दिन मौसम साफ रहने और मौसम में बढ़ोतरी की संभावना है।
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हिन्दुस्थान समाचार / विजेंद्र मराठा