Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
जम्मू, 21 फ़रवरी (हि.स.)। जांगवाल गांव में सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का शुक्रवार को कलश विसर्जन के साथ समापन हो गया जो आध्यात्मिक रूप से समृद्ध प्रवचन का समापन था। बड़ी संख्या में भक्तों की उपस्थिति में आयोजित इस कार्यक्रम में भागवत पुराण और भगवान कृष्ण की शिक्षाओं का गहन अन्वेषण किया गया। समापन पर बोलते हुए रशपाल शास्त्री ने सात दिनों की अवधि के महत्व पर प्रकाश डाला जो सात चक्रों का प्रतीक है और भक्तों को गहन आध्यात्मिक यात्रा में शामिल होने की अनुमति देता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भागवत कथा आत्म-साक्षात्कार, दिव्य संबंध और नैतिक उत्थान का मार्ग है।
पंडित राजेश केसरी ने कार्यक्रम के आयोजन में शिवसेना हिंदुस्तान की जम्मू और कश्मीर इकाई की भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने आगे कहा कि भागवत पुराण की शिक्षाएँ युवाओं के लिए विशेष रूप से मूल्यवान हैं क्योंकि वे नैतिक मूल्यों, आत्म-अनुशासन और उद्देश्य की गहरी भावना पैदा करती हैं। कथा के अंत में कलशों का विसर्जन आध्यात्मिक नवीनीकरण और दिव्य आशीर्वाद की रिहाई का प्रतीक है जिससे भक्तों को आंतरिक शांति और ज्ञान की अनुभूति होती है। इस कार्यक्रम को उपस्थित लोगों द्वारा व्यापक रूप से सराहा गया जिससे आस्था और सांस्कृतिक विरासत को पोषित करने में ऐसे आध्यात्मिक प्रवचनों के महत्व की पुष्टि हुई
हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा