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नींद की गोली खाने से नहीं हुई मौत तो कर दी हत्या
कोलकाता, 21 फरवरी (हि. स.)। कोलकाता के टैंगरा इलाके से एक दर्दनाक और चौंकाने वाली घटना सामने आई है। डे परिवार के छह सदस्यों ने एक साथ आत्महत्या करने की कोशिश की, लेकिन यह योजना एक भयानक त्रासदी में बदल गई। पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि भारी कर्ज़ के बोझ से दबे इस परिवार ने एक ही समय पर नींद की गोलियां खाईं। हालांकि इससे मौत नहीं हुई, तो परिवार के बाकी सदस्यों ने बाकी लोगों को मौत के घाट उतारा।
परिवार के छह सदस्य—प्रणय डे, प्रसून डे, उनकी पत्नियां सुदेश्ना और रोमी, एक नाबालिग बेटा और बेटी—ने आत्महत्या करने का फैसला किया। सभी ने एक ही रात नींद की गोलियां खाईं। लेकिन अगली सुबह तीन पुरुष सदस्य (प्रणय, प्रसून और नाबालिग बेटा) जाग गए, जबकि दोनों महिलाएं और नाबालिग बेटी गहरी नींद में थीं।
पुलिस जांच में यह सामने आया कि जागने के बाद, दोनों भाइयों ने अपनी पत्नियों सुदेश्ना और रोमी की सोते समय हाथ की नस काटकर हत्या कर दी। योजना थी कि नाबालिग बेटे को किसी अस्पताल में भर्ती कर वे खुद आत्महत्या कर लेंगे। लेकिन बेटे ने अस्पताल में भर्ती होने से इनकार कर दिया, जिससे स्थिति और जटिल हो गई।
हत्या के बाद, घायल हालत में परिवार के सदस्य घर से बाहर निकले। वे पहले बेलघरिया एक्सप्रेसवे पर पहुंचे, फिर उनकी कार कोना एक्सप्रेसवे, द्वितीय हुगली पुल, एजेसी बोस रोड, पार्क सर्कस सेवन प्वाइंट और साइंस सिटी से होते हुए ईएम बाईपास तक पहुंची। यहीं एक सड़क दुर्घटना हो गई, जिसमें दोनों भाई घायल हो गए।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि सुदेश्ना और रोमी की मौत से तीन से छह घंटे पहले उन्होंने भोजन किया था। इससे सवाल उठ रहा है कि क्या दोनों महिलाएं रात में उठकर खाकर फिर से सो गई थीं?
इसके अलावा, हाथ की नसें काटने के घावों की गहराई और समय को लेकर भी जांच में कई संदेह सामने आ रहे हैं।
पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि डे परिवार ने छह अलग-अलग बैंकों और कुछ एजेंसियों से करोड़ों रुपये का कर्ज़ लिया था। परिवार ने अपने घर को भी गिरवी रख दिया था। आर्थिक संकट के कारण वे लगातार मानसिक दबाव में थे, जो इस दर्दनाक कदम की वजह बना।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर