Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
उमरिया, 21 फ़रवरी (हि.स.)। उमरिया जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व क्षेत्र में बीते दिनों हाथियों की मौत से देश भर में तहलका मच गया था तो वहीं आज फिर संदिग्ध परिस्थितियों में सोन नदी में एक हाथी के बच्चे का कंकाल मिलने से सनसनी फैल गई।
जानकारी के अनुसार बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक डॉक्टर अनुपम सहाय ने बताया कि गुरूवार को एक वन्यजीव हाथी के बच्चे के कंकाल प्राप्त होने की घटना, सोन नदी, कक्ष कमांक 458, बीट सेहरा बी, वनपरिक्षेत्र पनपथा कोर के अन्तर्गत प्रकाश में आई। घटना स्थल वन्यजीव हाथियों के नदी पार करने का स्थान था, जिससे स्पष्ट होता है कि संभवतः नदी पार करने के दौरान हाथी का बच्चा दलदल में फंसने के कारण सोन नदी में डूब गया तथा मगरमच्छ जैसे जलीय जीवों द्वारा उपभोग कर लिया गया। इसके पश्चात् अन्य स्थलीय मांसाहारी जीवों द्वारा सोन नदी की सतह से कंकाल को किनारे खींच लिया गया।
इस घटना पर एनटीसीए नई दिल्ली एवं कार्यालय मुख्य वन्यजीव अभिरक्षक मध्यप्रदेश, भोपाल से जारी दिशा-निर्देश अनुरूप त्वरित कार्यवाही करते हुए घटना स्थल को सुरक्षित किया गया व घटना स्थल एवं उसके आस-पास छानबीन की कार्यवाही की गई। पोस्टमार्टम विशेषज्ञ वन्यजीव चिकित्सकों डाँ. विपिन चन्द्र आदर्श, शासकीय पशुचिकित्सक, डाँ. वैभव शुक्ला, W.V.A.Q. भोपाल, द्वारा किया गया है। वन्यजीव हाथी के बच्चे का कंकाल तथा कुछ चमड़ा घटना स्थल पर पाया गया है, छानबीन करने के दौरान वनकर्मियों द्वारा सोन नदी के सतह से कंकाल के अवशेष बरामद कर लिये गये तथा निर्धारित प्रक्रिया अनुसार शवदाह, भस्मीकरण की कार्यवाही मुख्य वन संरक्षक, क्षेत्र संचालक डाँ अनुपम सहाय, डाँ. ज्ञानेन्द्र प्रजापति, एन.टी. सी.ए. प्रतिनिधि व अन्य की उपस्थिति में की गई। उपरोक्त समस्त कार्यवाही की फोटोग्राफी एवं वीडियोंग्राफी की गई है। प्रकरण में वन अपराध प्रकरण क्रमांक 444/02 दिनांक 20.02. 2025 दर्ज कर अग्रिम कार्यवाही जारी है।
गौरतलब है कि पार्क प्रबंधन द्वारा सोन नदी में मगरमच्छ द्वारा हाथी के बच्चे को खाने का अनुमान लगाया जा रहा है, लेकिन ग्रामीणों की माने तो सोन नदी में मगरमच्छ दिखने की घटना कभी प्रकाश में नही आई है जिसके चलते ऐसा लगता है कि अपनी कमी छिपाने के लिए अब सोन नदी में हाथी के बच्चे का कंकाल मिलने की घटना को मगरमच्छ का नाम लेकर छिपाने का प्रयास किया जा रहा है, ऐसे में आवश्यकता है क्षेत्र संचालक एवं उप संचालक को अन्यत्र स्थानांतरित कर बारीकी से जांच करवाई जाय ताकि सच्चाई सामने आ सके।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / सुरेन्द्र त्रिपाठी