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कोलकाता, 21 फरवरी (हि. स.)। पश्चिम बंगाल के बहुकरोड़ के नकद-लेनदेन स्कूल नौकरी घोटाले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शुक्रवार को कोलकाता की एक विशेष अदालत में चार्जशीट दाखिल की। इस चार्जशीट में मुख्य आरोपित के रूप में सुजय कृष्ण भद्र का नाम शामिल किया गया है।
भद्र के अलावा दो अन्य व्यक्तियों, शांतनु बनर्जी और अरुण हाजरा को भी आरोप पत्र में नामित किया गया है। दोनों को कथित घोटाले में बिचौलियों के रूप में आरोपी बनाया गया है। फिलहाल भद्र जमानत पर बाहर हैं। कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने पिछले सप्ताह सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में चिकित्सा उपचार के आधार पर उन्हें अंतरिम जमानत दी थी। इससे पहले, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज एक अन्य मामले में भी उन्हें जमानत मिल चुकी है। ईडी इस मामले में समानांतर जांच कर रही है।
हालांकि, जमानत मिलने के बावजूद अदालत ने भद्र की गतिविधियों और लोगों से मिलने पर कड़ी पाबंदियां लगाई हैं।
इस महीने की शुरुआत में, सीबीआई अधिकारियों ने तीन बार असफल प्रयासों के बाद भद्र और एक अन्य आरोपित कुंतल घोष के वॉयस सैंपल जुटाने में सफलता हासिल की।
इस घोटाले में ईडी द्वारा दर्ज मामले का ट्रायल पहले से ही कोलकाता की विशेष मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम (पीएमएलए) अदालत में शुरू हो चुका है।
ईडी ने अपनी चार्जशीट में कुल 53 व्यक्तियों को आरोपी बनाया है, जिनमें 29 व्यक्ति और 24 कॉर्पोरेट संस्थाएं या ट्रस्ट शामिल हैं।
घोटाले में जिन प्रमुख हस्तियों को आरोपी बनाया गया है, उनमें पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी, उनकी करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी और उनके दामाद कल्याणमय भट्टाचार्य के नाम शामिल हैं।
इसके अलावा, पार्थ चटर्जी की दिवंगत पत्नी के नाम पर बने बबली चटर्जी मेमोरियल ट्रस्ट को भी आरोपी बनाया गया है। आरोप है कि घोटाले से अर्जित अवैध धन को इस ट्रस्ट के नाम पर दान के रूप में दिखाकर गबन किया गया।
एक कॉर्पोरेट इकाई, जहां सुजय कृष्ण भद्र पहले मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) थे, उसे भी ईडी की चार्जशीट में आरोपित बनाया गया है।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर