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- संभल हिंसा में गिरफ्तार शारिक साठा गैंग के मुख्य सदस्य मो. गुलाम ने पूछताछ में कबूला, दुबई से कनेक्शन हाेने के मिले साक्ष्यमुरादाबाद, 21 फरवरी (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के संभल में तीन माह पूर्व हुई हिंसा में शामिल गिरफ्तार किया गया शारिक साठा गैंग के मुख्य सदस्य मो. गुलाम ने पूछताछ में बताया कि शारिक साठा गिरोह की साजिश थी कि किसी भी तरह से जामा मस्जिद का सर्वे नहीं होने देना है। आरोपित ने यह भी कबूला कि सर्वे के दौरान अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन और उसके साथियों की मारने का प्लान था जिससे शहर के साथ-साथ देश का माहौल पूरी तरह बिगड़ जाए। शहर में कर्फ्यू लग जाए। इससे आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने में आसानी होगी। अब तक की जांच में यह भी सामने आया है कि गुलाम का कनेक्शन दुबई में बैठे गैंग के सरगना से है और इसके साक्ष्य भी मिले हैं। पुलिस अब इंटरनेशनल अथॉरिटी से संपर्क कर रही है ताकि इस साजिश से जुड़े अन्य पहलुओं की जांच हो सके।
उत्तर प्रदेश के संभल जिले में विवादित जामा मस्जिद एवं हरिहरनाथ नाथ मंदिर में 24 नवंबर 2024 को सर्वे के दौरान तीन स्थानों पर हिंसा और बवाल हुआ था। पहला बवाल विवादित जामा मस्जिद के नजदीक हुआ था, जहां पांच लोगों की जान गई थी। दूसरा बवाल नखासा तिराहे पर हुआ था, जहां पुलिस पर पथराव और फायरिंग की गई थी। इसके बाद तीसरी हिंसा हिंदूपुरा खेड़ा में हुई थी। यहां पुलिस के अधिकारियों पर जानलेवा हमला किया गया था।
पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार बिश्नोई ने शुक्रवार को बताया कि इस घटना के 76 आरोपित उपद्रवियों को पुलिस गिरफ्तार करके जेल भेज चुकी है। इसमें चार आरोपित महिलाएं भी शामिल हैं। एसपी ने आगे बताया कि शारिक साठा गैंग के एक अहम सदस्य दीपा सराय निवासी मो. गुलाम को गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपित के कब्जे से 32 बोर की दो पिस्टल, एक एम एम की देशी पिस्टल, एक तमंचा, और विदेशी समेत अलग-अलग बोर के 15 देसी कारतूस बरामद हुए थे।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पकड़े गए शारिक शाठा गिरोह के सदस्य दीपा सराय निवासी गुलाम ने बड़ा खुलासा किया है। आरोपित ने बताया है कि शारिक साठा की साजिश थी कि किसी भी तरह से जामा मस्जिद का सर्वे न हो और हिंसा की आड़ में अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन को मौत के घाट उतार दिया जाए। आरोपित ने बताया कि सर्वे के दौरान बवाल में शारिक साठा गिरोह के अन्य सदस्यों के साथ उसने भी गोली चलाई थी, जिसमें चार लोगों की मौत हुई थी। बवाल में जो हथियार शारिक साठा ने भेजे थे, वह हथियार गिरोह के सदस्य मुल्ला अफरोज, वारिस और मोहल्ले के अन्य लोगों को दिए थे। --------------
हिन्दुस्थान समाचार / निमित कुमार जायसवाल