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कोलकाता, 21 फरवरी (हि.स.)। पानीहाटी नगरपालिका के पार्षद तारक गुहा को 10 साल पुराने मॉब लिंचिंग मामले में दोषी करार दिया गया है। बैरकपुर की तीसरी अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय ने शुक्रवार को तारक गुहा समेत पांच लोगों को दोषी ठहराया, जबकि तीन अन्य आरोपितों को बरी कर दिया गया। मंगलवार को दोषियों की सजा का ऐलान किया जाएगा।
यह मामला 25 सितंबर, 2014 का है, जब पानीहाटी इलाके में शंभु चक्रवर्ती नामक व्यक्ति को भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला था। इस हत्या के मामले में कुल 10 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिनमें पानीहाटी नगरपालिका के वार्ड नंबर 11 के पार्षद तारक गुहा का भी नाम शामिल था।
करीब 10 साल तक यह मामला बैरकपुर की अदालत में न्यायाधीश अयन कुमार बनर्जी की अदालत में चला। आखिरकार, शुक्रवार को अदालत ने पार्षद तारक गुहा, नेपाल गुहा, जयदेव मुखर्जी, श्यामल दास और हरिपद सरकार को दोषी ठहराया। वहीं, मलिका डे, नव चक्रवर्ती और बुड़ोन दास को बरी कर दिया गया।
तारक गुहा, जिनका नाम प्राथमिकी और चार्जशीट में दर्ज था, इतने वर्षों तक जेल से बाहर रहे। बार-बार अदालत में पेश होने का आदेश मिलने के बावजूद वह लंबे समय तक पेशी से बचते रहे। शुक्रवार को जैसे ही तारक गुहा अदालत में पहुंचे, पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
मंगलवार को दोषियों को सजा सुनाई जाएगी, जिसमें उनके खिलाफ आजीवन कारावास की सजा भी हो सकती है। इस फैसले के बाद तृणमूल कांग्रेस के भीतर भी तारक गुहा के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चर्चा तेज हो गई है।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर