यह समय की मांग है कि बच्चे अंग्रेजी के साथ-साथ गुजराती भाषा का भी महत्व समझें : भूपेंद्र पटेल
•गांधीनगर के महात्मा मंदिर में हुआ अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस का आयोजन गांधीनगर, 21 फरवरी (हि.स.)। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने ‘अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस’ की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश को ‘एक भारत, श्रेष्ठ भार
गांधीनगर के महात्मा मंदिर में हुआ अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर गुजराती साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित करते मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल।


•गांधीनगर के महात्मा मंदिर में हुआ अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस का आयोजन

गांधीनगर, 21 फरवरी (हि.स.)। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने ‘अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस’ की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश को ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ का संकल्प देकर हर राज्य की भाषा को प्राथमिकता दी है। आज देश का कोई भी नागरिक अपनी भाषा में अपनी बात रख सकता है।

गुजरात साहित्य अकादमी की ओर से शुक्रवार को गांधीनगर के महात्मा मंदिर में आयोजित साहित्य गौरव पुरस्कार समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के माता-पिता अपने बच्चे को अंग्रेजी सिखाने पर अधिक बल दे रहे हैं। हालांकि, अंग्रेजी या कोई अन्य भाषा सीखना गलत बात नहीं है, लेकिन बच्चे को गुजराती भाषा का महत्व भी समझाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चा चाहे जितनी भी भाषाएं सीखे, लेकिन उसे अपनी मातृभाषा का भी उतना ही ज्ञान होना आवश्यक है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने ‘विकास भी, विरासत भी’ मंत्र के साथ अपनी विरासतों के संवर्धन और विकास की दिशा दिखाई है। उनके मार्गदर्शन में राज्य सरकार सांस्कृतिक विरासत के रूप में मातृभाषा के संरक्षण और संवर्धन के लिए समर्पित है। हमें अपनी विरासत और अपनी संस्कृति को साथ लेकर देश को विकसित बनाना है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत की राष्ट्रभाषा को वैश्विक पहचान दिलाई है। वे दुनिया के जिस किसी भी देश में गए हैं, वहां उन्होंने राष्ट्रभाषा में संवाद किया है। उन्होंने हमें यह प्रेरणा दी है कि दुनिया के किसी भी कोने में हम मातृभाषा में बात कर सकते हैं। पटेल ने कहा कि आज के युवाओं की साहित्य के प्रति रुचि कम होती जा रही है, ऐसे में हमें नई पीढ़ी तक मातृभाषा की विरासत पहुंचाने का भगीरथ कार्य करना होगा। इस समारोह में उपस्थित लब्धप्रतिष्ठित और वरिष्ठ साहित्यकारों का यह दायित्व है कि वे युवाओं को साहित्य का महत्व समझाएं। आज के युवाओं को आसानी से समझाने के लिए उन्हें सोशल मीडिया के माध्यम से भी साहित्य के साथ जोड़ा जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की अपनी संस्कृति से जुड़े रहते हुए न केवल अपनी संस्कृति का गौरव बनाए रखना है, बल्कि उसके गौरव को बढ़ाने की दिशा में भी काम करना है। देश को विकसित बनाने में युवाओं की भूमिका महत्वपूर्ण है, ऐसे में हमें उनकी शक्ति का अधिकतम उपयोग कर भारत को सभी क्षेत्रों में विकसित राष्ट्र बनाना है। समारोह में मुख्यमंत्री ने साहित्यकार बळवंत जानी को गुजराती भाषा का गौरव पुरस्कार और मिलिंद गढ़वी को युवा गौरव पुरस्कार प्रदान किया।

सांस्कृतिक गतिविधियां मंत्री मुळुभाई बेरा और राज्य मंत्री हर्ष संघवी की गरिमामयी उपस्थिति में आयोजित इस समारोह में गुजरात साहित्य अकादमी के अध्यक्ष भाग्येश झा, युवा एवं सांस्कृतिक गतिविधियां विभाग के प्रधान सचिव एम. थेन्नारसन, सरदार पटेल यूनिवर्सिटी के कुलपति निरंजन पटेल, साहित्यकार माधव रामानुज सहित बड़ी संख्या में साहित्यकार उपस्थित रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / बिनोद पाण्डेय