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जबलपुर, 21 फ़रवरी (हि.स.)। एडवोकेट एक्ट में प्रस्तावित संशोधन के विरोध में अधिवक्ता शुक्रवार काे न्यायिक कामों से विरत रहे। हड़ताल के बारे में पूछने पर अधिवक्ताओं ने बताया कि वह हड़ताल पर नहीं हैं बल्कि न्यायालय कामों से विरक्त हैं।
दरअसल, अधिवक्ता सम्पूर्ण तिवारी एवं प्रवीण मिश्रा के अनुसार इस एक्ट में संशोधन उनकी स्वतंत्रता को बाधित करेगा और उनके कार्य करने के अधिकार पर प्रभाव डालेगा। जबकि एडवोकेट एक्ट वर्तमान में पूरी तरह से सक्षम है और इसमें किसी भी प्रकार के बदलाव की आवश्यकता नहीं है। एक स्वतंत्र निकाय की और पक्षकारों के अधिकारों की रक्षा करना उनका कर्तव्य है। यदि इस एक्ट में संशोधन होता है, तो यह उनकी स्वतंत्रता को प्रभावित करेगा और उनके कार्य करने की प्रक्रिया में अवरोध उत्पन्न करेगा।
उल्लेखनीय है कि अधिवक्ताओं के विरोध के कारण कोर्ट परिसरों में सन्नाटा छाया रहा। अधिकांश न्यायालयों में फरियादियों को परेशानी का सामना करते हुए देख खा रहा थाा, क्योंकि उनके मामलों की सुनवाई नहीं हो सकी। अधिवक्ताओं ने स्पष्ट किया कि यह प्रदर्शन सिर्फ एक चेतावनी है, यदि सरकार ने उनकी मांगों को नहीं माना, तो वे आंदोलन को ओर तेज करेंगे।
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हिन्दुस्थान समाचार / विलोक पाठक