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महापर्व के उत्सव में प्रधान महादेव विग्रहों का रुद्राभिषेक जारी,रूद्र मंत्रों से गुंजायमान धाम
वाराणसी,21 फरवरी (हि.स.)। श्री काशी विश्वनाथ धाम में महाशिवरात्रि पर्व उत्सव के दूसरे दिन शुक्रवार शाम को पूरा धाम परिसर विद्युत झालरों और रंग-बिरंगी लाइटों से जगमग रहा। लगातार दूसरे दिन धाम परिसर में हर—हर महादेव के कालजयी उद्घोष के बीच रूद्र मंत्रों की गूंज रही। परिसर स्थित प्रधान महादेव विग्रह का रुद्राभिषेक विधि विधान से किया गया। धाम में नवाचार को बढ़ाते हुए हर हिस्से की सजावट का काम तेजी से चल रहा है।
मंदिर के नायब तहसीलदार मिनी एल शेखर ने धाम में स्थित गंगेश्वर महादेव का विधि-विधान से पूजन और आराधना कर शास्त्रोक्त विधि से रुद्राभिषेक किया। मंदिर के सीईओ विश्वभूषण मिश्र ने बताया कि पिछले वर्ष नवाचार प्रारंभ कर महाशिवरात्रि से पूर्व श्री काशी विश्वनाथ धाम में स्थित प्रधान महादेव विग्रहों का रूद्राभिषेक किया गया था। इसी नवाचार को बढ़ाते हुए इस वर्ष भी धाम में स्थित प्रधान महादेव विग्रहों का महाशिवरात्रि महोत्सव में रूद्राभिषेक किया जा रहा है। प्रधान महादेव विग्रहों का रुद्राभिषेक शनिवार को भी जारी रहेगा। उधर,प्रयागराज महाकुंभ से श्री काशी विश्वनाथ दरबार में लाखों श्रद्धालुओं का अनवरत आगमन हो रहा है। मंदिर में 6.30 लाख से अधिक श्रद्धालु प्रतिदिन दर्शन पूजन कर रहे है। मंदिर न्यास के अनुसार 20 फ़रवरी को 6,11,029 और शुक्रवार 21 फरवरी को रात्रि 9.30 तक 4,96,774 श्रद्धालुओं ने दर्शन पूजन कर लिया था। मंदिर के सीईओ ने श्रद्धालुओं से अपील किया कि स्थानीय पुलिस, प्रशासन और मंदिर के निर्देशों का पालन करें और अन्य भक्तों का भी ध्यान रखते हुए संयम, भक्ति और श्रद्धा के साथ बाबा विश्वनाथ का दर्शन करें। उन्होंने बताया कि श्री काशी विश्वनाथ धाम में महादेव के अनन्य भक्तों को अच्छा दर्शन अनुभव कराने के लिए मंदिर न्यास बिना थके, बिना रुके निरंतर कार्य कर रहा है। लाखों की भीड़ के बीच तमाम श्रद्धालुओं को उनकी जरूरत के अनुसार सुविधाएं उपलब्ध कराने से भी मंदिर न्यास के अधिकारी पीछे नहीं हट रहे हैं। उन्होंने बताया कि लखनऊ निवासी एक व्यक्ति ने उनसे संपर्क कर बताया कि वह भारतीय सेना में कार्यरत रहे हैं और श्रीनगर में पोस्टिंग के दौरान पैर में गोली लगने के कारण वो पिछले एक वर्ष से चलने- फिरने में असमर्थ हो गए हैं। उन्होंने श्री काशी विश्वनाथ महादेव का दर्शन करने की प्रबल इच्छा जाहिर की। इस पर उन्होंने भारत माता की सेवा करने वाले वीर सैनिक के लिए मंदिर न्यास की टीम लगाकर उनके सुगम दर्शन का प्रबंध कराया।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी