'काशी तमिल संगमम्' दो संस्कृतियों का मिलन : जेपी नड्डा
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री संगमम में शामिल हुए, नमोघाट पर तमिल मेहमानों से उनके बीच जाकर मिले - बोले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नई संसद में सेंगोल को स्थापित किया वाराणसी, 21 फरवरी (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष एवं केंद्रीय स्वास
काशी तमिल संगमम में जेपी नड्डा


काशी तमिल संगमम में जेपी नड्डा


काशी तमिल संगमम में जेपी नड्डा


केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री संगमम में शामिल हुए, नमोघाट पर तमिल मेहमानों से उनके बीच जाकर मिले

- बोले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नई संसद में सेंगोल को स्थापित किया

वाराणसी, 21 फरवरी (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष एवं केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. जेपी नड्डा ने कहा कि काशी तमिल संगमम्' दो संस्कृतियों का मिलन है। एक भारत-श्रेष्ठ भारत को ध्यान में रखते हुए 'काशी तमिल संगमम्' कार्यक्रम की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की थी। दूरदृष्टि रखने वाले भारतीय संस्कृति की अनेकता में एकता के सूत्र को बांधते हुए इस कार्यक्रम की रचना हुई है।

केन्द्रीय मंत्री शुक्रवार शाम नमोघाट पर आयोजित काशी तमिल संगमम् के तीसरे संस्करण में भाग लेने आए तमिल मेहमानों से मिलने के बाद उन्हें सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पूर्व हो या पश्चिम, उत्तर हो या दक्षिण...प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशभर में सांस्कृतिक एकता बनाये रखने के लिए अनेक प्रयास किये हैं। भारत की संस्कृति इतनी समृद्ध है कि इसमें अनेकों विविधता होने के बाद भी एकता का मंत्र देखने को मिलता है।

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि काशी तमिल संगमम् का यह तीसरा संस्करण है। हम काशी तमिल संगम बोले, चाहे काशी तेलुगु संगम बोले, चाहे सौराष्ट्र तमिल संगम बोले...हर तरीके से भाषा को, आर्थिक और सांस्कृतिक विरासत को एकजुट करने का यह मंत्र हम सबको पिछले 10 वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देखने को मिला है।

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि इस प्रकार के प्रयास देश की आर्थिक और सांस्कृतिक विरासत के साथ-साथ भाषाओं को भी समृद्ध करते है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के समय तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने सत्ता के हस्तांतरण के प्रतीक सेंगोल को संग्रहालय में रखवा दिया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नई संसद में सेंगोल को स्थापित किया। सेंगोल की प्रतिष्ठा को फिर से प्रतिष्ठित करने के साथ-साथ दक्षिण भारत की परंपरा को मुख्य धारा में लाने का प्रधानमंत्री मोदी का प्रयास है।

केन्द्रीय मंत्री नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का मानना है कि काशी-तमिल संगमम से काशी और तमिलनाडु के संबंधों के बीच उन्हें विविधता में आत्मीयता का अहसास होता है। इस दौरान उन्होंने तमिल महाकवि सुब्रह्मण्यम भारती, आदिवीरा पांड्यन तथा अगस्त्य ऋषि के द्वारा देश की एकता को मजबूत करने के प्रयासों को भी याद किया। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री ने काशी-तमिल संगमम के अंतर्गत लगी विभिन्न मंत्रालयों की प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।

नड्डा केंद्रीय संस्कृति तथा पर्यटन मंत्रालय की ओर से आयोजित काशी और तमिलनाडु की संस्कृति पर आधारित सांस्कृतिक संध्या में शामिल हुए। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय में सुब्रह्मण्यम भारती चेयर की स्थापना को लेकर खुशी जाहिर की। उन्होंने इसके लिए बीएचयू परिवार को बधाई भी दी। कार्यक्रम के दौरान सुब्बू सुंदरम द्वारा लिखित काशी कुंभभिषेकम पुस्तक का केन्द्रीय मंत्री ने अनावरण भी किया।

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में किया दर्शन पूजनः एक दिवसीय वाराणसी दौरे पर आए केन्द्रीय मंत्री ने काशी तमिल संगमम में भाग लेने के पूर्व स्थानीय सर्किट हाउस में समीक्षा बैठक की। इसके बाद काशीपुराधिपति बाबा विश्वनाथ के दरबार में हाजिरी लगाई। दरबार में विधि विधान से वैदिक मंत्रोंच्चार के बीच केन्द्रीय मंत्री ने बाबा के पावन ज्योर्तिलिंग का अभिषेक भी किया। दर्शन पूजन के बाद देश में सुख समृद्धि की बाबा से कामना की। मंदिर में न्यास परिषद की ओर से केन्द्रीय मंत्री को स्मृतिचिंह और प्रसाद भी दिया गया। इस दौरान शहर द​क्षिणी के विधायक डॉ नीलकंठ तिवारी, राज्यमंत्री रविन्द्र जायसवाल, विधायक सौरभ श्रीवास्तव आदि भी मौजूद रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी