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झाबुआ , 21 फ़रवरी (हि.स.)। उधारी नहीं चुकाने को लेकर व्यापारी के परिजनों से मारपीट और गाली गलौज करने के मामले में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी साक्षी मसीह द्वारा दो महिलाओं सहित सात लोगों को 6-6 माह का सश्रम कारावास सहित अर्थदंड से दंडित किया गया है। करीब पांच वर्ष पुराना उक्त मामला जिले के रानापुर का है, जहां फल विक्रेता द्वारा उसकी दुकान से लिए गए फलों की उधारी राशि की मांग किए जाने को लेकर विवाद हुआ था, जिसने आक्रामक रुख अख्तियार कर लिया, और फल व्यापारी के परिजन मारपीट के शिकार हो गए।
उक्त न्यायालयीन फैसले के संबंध में जानकारी देते हुए सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी शीला बघेल ने बताया कि घटना के बारे में फरियादी ने थाना रानापुर में रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसमें बताया गया था कि दिनांक 29.6.19 को सुबह संजय की बहन ममता किसी अन्य दुकान से फल फ्रुट खरीद कर वापस रास्ते से जा रही, तब उसने ममता को बोला कि अपना पुराना हिसाब बाकी है धर्मेन्द्र व संजय से बोलो कि वह अपना पुराना हिसाब कर दे। उस वक्त ममता वहाँ से चली गई, और फिर शाम को जब मैं दुकान पर चला गया, तभी मेरे घर पर संजय प्रजापत, कंचन प्रजापत निर्मल प्रजापत, छगन प्रजापत व ममता प्रजापत आए और उसके घर के सामने गालिया देने लगे, और जब मेरी पत्नी धनीशा ने गाली देने से मना किया तो आरोपितों ने मेरी पत्नी, बहु तथा बच्चो पर लाठी से हमला कर दिया, परिणामस्वरूप मेरे परिजनों को चोटें पहुंची। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाना राणापुर पर अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना मे लिया गया, और विवेचना के दौरान अनुसंधान पूर्ण कर अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष पेश किया गया।
न्यायिक मजिस्ट्रेट साक्षी मसीह द्वारा आरोपीगण छगन पुत्र शिवा प्रजापत, संजय पुत्र नंदा प्रजापत, निर्मल पुत्र छगन प्रजापत, ममता पत्नी धर्मेन्द्र सिसोदिया, कंचन पुत्री नंदा प्रजापत निवासीगण राणापुर जिला झाबुआ को दोषी पाते हुए प्रत्येक आरोपितों को भारतीय दंड संहिता की धारा 452, 323/149 में 6-6 माह के सश्रम कारावास एवं प्रत्येक को रुपए 1500/- के अर्थदंड से दंडित किया गया। शासन की ओर से प्रकरण का संचालन सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी सूरज वैरागी द्वारा किया गया।
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हिन्दुस्थान समाचार / उमेश चंद्र शर्मा