‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ मोदी सरकार का ऐतिहासिक कदम : जयराम ठाकुर
शिमला, 21 फ़रवरी (हि.स.)। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' को भारत के लिए एक ऐतिहासिक कदम बताते हुए कहा कि यह निर्णय देश में विकास और जनहित के कार्यों को तेज़ी से पूरा करने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि सरकार का केन्द्रीयकृत ए
Jai ram thakur


शिमला, 21 फ़रवरी (हि.स.)। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' को भारत के लिए एक ऐतिहासिक कदम बताते हुए कहा कि यह निर्णय देश में विकास और जनहित के कार्यों को तेज़ी से पूरा करने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि सरकार का केन्द्रीयकृत एजेंडा अब जनहित और विकास होगा और चुनावों में लगने वाली समय और ऊर्जा का उपयोग विकासात्मक कार्यों में किया जाएगा।

12 दिसंबर 2024 को केंद्रीय कैबिनेट ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के बिल के 11 प्रस्तावों को मंजूरी दी थी। इससे पहले सितंबर 2024 में सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनी एक उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों को स्वीकार किया था। इस समिति ने लोकसभा, विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनावों को चरणबद्ध तरीके से एक साथ कराने के लिए 11 सुझाव दिए थे।

जयराम ठाकुर ने शुक्रवार काे एक बयान में कहा कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की नीति देश के लोकतांत्रिक हितों को सशक्त करने के लिए समय की जरूरत थी और यह कार्य नरेंद्र मोदी की सरकार ने पूरा किया है। इससे जनहित के कार्यों में सुगमता आएगी और विकास में गति मिलेगी। उन्होंने बताया कि 1952 से 2023 तक देश में औसतन हर साल छह चुनाव हुए और अगर स्थानीय चुनावों को भी जोड़ा जाए तो यह आंकड़ा कई गुना बढ़ जाता है। 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' के लागू होने से आचार संहिता के कारण विकास कार्यों में विलंब नहीं होगा और चुनाव खर्च घटेगा, जिसे अब विकास कार्यों में लगाया जा सकेगा।

नेता प्रतिपक्ष ने यह भी बताया कि यह कोई नई प्रथा नहीं है क्योंकि 1951-52 में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ हुए थे और यह प्रथा 1967 तक जारी रही थी। इसके बाद दल-बदल और अन्य कारणों से चुनावों का चक्र टूट गया था। वर्तमान में कुछ राज्यों जैसे अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, आंध्र प्रदेश और ओडिशा में विधानसभा चुनाव लोकसभा चुनाव के साथ होते हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील शुक्ला