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यमुनानगर, 21 फ़रवरी (हि.स.)। गुरु नानक खालसा कॉलेज, यमुनानगर के स्नातकोत्तर पंजाबी विभाग द्वारा अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के उपलक्ष में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मातृभाषा पर भाषण एवं उससे संबंधित चर्चाएं आयोजित की गईं। मुकंद लाल नेशनल कॉलेज के पंजाबी विभाग के पूर्व अध्यक्ष एवं प्रसिद्ध कवि डॉ. निर्मल सिंह कोमल ने कार्यक्रम में मुख्य वक्ता एवं मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया।
शुक्रवार को विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए प्राचार्या डॉ. प्रतिमा शर्मा ने मातृभाषा के महत्व और मानव जीवन में इसके योगदान के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भाषा कोई भी हो, मनुष्य के बुनियादी विकास में उसका सबसे बड़ा योगदान होता है। डॉ. प्रतिमा शर्मा ने कहा कि हमें जीवन में अधिक से अधिक भाषाएं सीखनी चाहिए, लेकिन हमें हमेशा अपनी मातृभाषा पर गर्व करना चाहिए और उससे प्रेम करना चाहिए।
मुख्य वक्ता डॉ. निर्मल सिंह कोमल ने अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस की शुरुआत का उल्लेख करते हुए बताया कि किस प्रकार बांग्लादेश के युवाओं ने अपनी मातृभाषा को बचाए रखने के लिए अपने प्राणों की आहुति देकर पूरी दुनिया का ध्यान मातृभाषा के महत्व की ओर आकर्षित किया और अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस की शुरुआत की। अपने संबोधन में उन्होंने यह भी बताया कि अपनी मातृभाषा और अपनी संस्कृति को भूलकर व्यक्ति कभी विकास नहीं कर सकता, बल्कि उसे मानसिक पीड़ा झेलनी पड़ती है। इस अवसर पर डॉ. निर्मल सिंह कोमल ने अपनी मधुर आवाज में पंजाबी संस्कृति को जीवंत करने वाले बोलियों व बोलियों के साथ-साथ सांस्कृतिक गीत सुनाकर विद्यार्थियों को मंत्रमुग्ध कर दिया। अंत में कॉलेज प्राचार्या डॉ. प्रतिमा शर्मा व कॉलेज के अन्य शिक्षकों ने मुख्य अतिथि को स्मृति चिह्न व उपहार देकर सम्मानित किया।
हिन्दुस्थान समाचार / अवतार सिंह चुग