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शिमला, 21 फ़रवरी (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश में पिछले एक साल में बड़े पैमाने में नशीले पदार्थों की तस्करी के मामले सामने आए हैं। प्रदेश भर में पुलिस ने वर्ष 2024 के दौरान 1116 किलोग्राम नशीले पदार्थ बरामद किए हैं। एक सरकारी प्रवक्ता ने शुक्रवार को बताया कि पुलिस विभाग ने 368.20 किलोग्राम चरस, 36.20 किलोग्राम अफीम, 11.14 किलोग्राम हेरोइन, 668.67 किलोग्राम पोस्त और 33.64 किलोग्राम गांजा जब्त किया। इसके अतिरिक्त, 37,20,654 भांग के पौधे और 3,78,152 पोस्त के पौधे नष्ट किए गए तथा 2,89,68,041 नशीली गोलियां भी जब्त की गईं। पुलिस ने नशीली दवाओं से संबंधित गतिविधियों में शामिल 2515 व्यक्तियों को भी गिरफ्तार किया।
प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश सरकार मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल पाए जाने वाले पुलिसकर्मियों और सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई कर रही है। प्रवर्तन उपायों के अलावा लोगों को नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खतरों के बारे में शिक्षित करने के लिए नियमित रूप से जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में नशे से जुड़ी संपत्तियों पर नकेल कसते हुए वर्ष 2024 में 9 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति जब्त की और नशीली दवाओं की गतिविधियों से जुड़ी संपत्तियों को सील करने और ध्वस्त करने के लिए एक व्यवस्थित अभियान शुरू किया। नशीली दवाओं की आपूर्ति शृंखलाओं को और बाधित करने और तस्करी नेटवर्क को खत्म करने के लिए राज्य में पहली बार 40-50 स्थानों पर तलाशी की गई। सरकार जांच क्षमताओं को बढ़ाने के लिए फोरेंसिक प्रयोगशालाओं के उन्नयन को भी प्राथमिकता दे रही है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2024 में निवारक हिरासत के लिए 45 प्रस्ताव प्रस्तुत किए गए थे, जबकि 2022 तक कोई भी प्रस्ताव प्रस्तुत नहीं किया गया और बार-बार अपराध करने वालों के खिलाफ चार हिरासत आदेश स्वीकृत किए गए। सरकार आगामी विधानसभा सत्र में हिमाचल प्रदेश नशा निरोधक अधिनियम पेश करने की भी योजना बना रही है, ताकि कानूनी प्रावधानों को मजबूत किया जा सके। इसका उद्देश्य बार-बार अपराध करने वालों पर सख्त दंड लगाना और नशे की लत के शिकार तथा पहली बार अपराध करने वाले नाबालिगों के पुनर्वास को बढ़ावा देना भी होगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा