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जयपुर, 21 फ़रवरी (हि.स.)। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने बताया कि प्रदेश की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने हमेशा दलितों की आवाज को दबाने का प्रयास किया। इतना ही नहीं, पूर्व सीएम अशाेक गहलोत और उनके मंत्रियों ने प्रतिशोध की राजनीति को बढ़ावा देने का काम किया था। दौसा में दलित प्रसूता की इलाज के दौरान लापरवाही से मौत के बाद भाजपा महामंत्री जितेंद्र गोठवाल ने दलित परिवार को न्याय दिलाने के प्रयास किया था। इस पर पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने अपने आलाकमान को खुश करने के लिए षडयंत्र रचकर डॉ अर्चना शर्मा आत्महत्या मामले में उन्हें फंसाया और 53 दिन तक जेल में रखा, लेकिन जीत आखिर सत्य की हुई और हाईकोर्ट ने आत्महत्या मामले में दलितों की आवाज उठाने वाले गोठवाल के पक्ष में फैसला देते हुए उनकी संलिप्तता नहीं होने पर एडीजे कोर्ट लालसोट के चार्ज आदेश को रद्द करने का फैसला दिया है।
भाजपा नेता राजेंद्र राठौड़ ने बताया कि कांग्रेसी एक परिवार को खुश करने में जुटे हुए है। प्रियंका गांधी को खुश करने के लिए पूर्व सीएम गहलोत ने गोठवाल को इस मामले में फंसाया और गिरफ्तार करवाया। एक ओर प्रियंका गांधी ने नारा दिया था कि लड़की हूं लड़ सकती हूं, वहीं राजस्थान में तत्कालीन कांग्रेस सरकार होने के बावजूद दलित महिलाओं के साथ अत्याचार और दुष्कर्म के मामले बढ़ते गए। ऐसे में गोठवाल द्वारा प्रियंका को टिकट भेजकर राजस्थान में आकर महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार व दुष्कर्म पर बोलने के लिए निमंत्रण भेजा था। इसके अगले ही दिन गहलोत ने बदले की भावना से उनके खिलाफ कई केस दर्ज करवाए और गिरफ्तार करवाकर दलितों की आवाज को दबाने का प्रयास किया था।
भाजपा नेता राजेंद्र राठौड़ ने बताया कि मार्च 2022 में लालसोट स्थित आनंद हॉस्पिटल में एक दलित प्रसूता की इलाज के दौरान लापरवाही बरतने पर मौत के बाद हंगामा हुआ था। पुलिस ने डॉक्टर के खिलाफ शाम 6.50 बजे 302 धारा के तहत एफआईआर दर्ज की, जबकि गोठवाल रात 11 बजे मौके पर पहुंचे थे। एफआईआर दर्ज होने के समय गोठवाल वहां उपस्थित ही नहीं थे। इससे साफ जाहिर है कि पुलिस ने राजनीतिक दबाव में आकर गोठवाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। गोठवाल प्रदेश की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में दलितों के पक्ष में लगातार आंदोलन कर रहे थे, ऐसे में गहलोत ने उन्हें फंसाने का कृत्य किया था। पुलिस ने गहलोत के कहने पर गोठवाल सहित कई बेकसूर लोगों के खिलाफ हत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया था। इस प्रकरण में राजस्थान हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ जारी जांच आदेश को निरस्त कर दिया है। हाईकोर्ट की एकलपीठ में जस्टिस गणेशराम मीणा ने यह स्पष्ट किया कि अग्रिम अनुसंधान में गोठवाल पर लगाए गए आरोप आधारहीन हैं और उनकी किसी भी प्रकार की संलिप्तता नहीं पाई गई। इसी आधार पर कोर्ट ने एडीजे कोर्ट लालसोट के चार्ज आदेश को रद्द कर दिया।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश