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- उद्यानिकी मंत्री ने कृषि विश्वविद्यालय में किया अखिल भारतीय कृषि औद्योगिक प्रदर्शनी एवं किसान मेले का उद्घाटन
ग्वालियर, 21 फरवरी (हि.स.)। राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय में शुक्रवार को चार दिवसीय अखिल भारतीय कृषि औद्योगिक प्रदर्शनी एवं किसान मेला शुरू हुआ। उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री नारायण सिंह कुशवाह ने प्रदर्शनी व किसान मेले का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि किसान भाई अपनी आय दोगुनी करने के लिये फसल विविधीकरण और प्राकृतिक खेती (जैविक खेती) अपनाएँ। साथ ही फलों व फूलों की खेती भी करें। इसके लिये सरकार द्वारा आर्थिक मदद उपलब्ध कराई जाती है।
राज्य शासन के किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग, फार्मटेक इंडिया तथा कृषि विश्वविद्यालय की संयुक्त भागीदारी से आयोजित इस किसान मेला सह अखिल भारतीय प्रदर्शनी में देश के विभिन्न राज्यों से आये कृषक उत्पादक संगठन, स्वयंसहायता समूह, कम्पनियों एवं किसान हितग्राही व किसानों से जुड़ी संस्थाओं द्वारा कृषि उपकरणों एवं लगभग 200 प्रकार की उन्नत कृषि तकनीकों की प्रदर्शनी लगाई है।
उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री कुशवाह ने किसान मेला के उद्घाटन समारोह में मौजूद किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि युवा पीढ़ी सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ उठाकर खेती किसानी के साथ-साथ खाद्य प्रसंस्करण इकाईयाँ स्थापित कर उद्यमी बन सकती है। उन्होंने कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर में हवा में आलू पैदा होने की तकनीक की सराहना की और कहा कि विश्वविद्यालय इसी प्रकार किसान की आय बढ़ाने के लिये नवीन तकनीकों की खोज जारी रखें।
मंत्री कुशवाह ने कहा कि यह किसान मेला विभिन्न उत्पाद, कृषि यंत्रों एवं कृषि तकनीकों की जानकारी प्राप्त करने के लिये उपयोगी है। इसका लाभ क्षेत्र के अधिकाधिक किसानों को दिलाएँ। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों की आय को दुगना करने के संकल्प को पूरा करने के लिये कई तरह की योजनायें शुरू की हैं। इसी क्रम में उन्नत तकनीकों की जानकारी देने के लिये किसान मेले भी सरकार द्वारा लगवाए जा रहे हैं।
राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अरविन्द कुमार शुक्ला ने कहा कि अच्छा उत्पादन प्राप्त करने के लिये भूमि को हृष्ट-पुष्ट करने की आवश्यकता है। इसके लिये कृषि भूमि में रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग पर अंकुश लगाना होगा। उन्होंने कहा यूरिया का 35 प्रतिशत प्रयोग फसल करती है और 65 प्रतिशत जमीन में या ऊपर चला जाता है। वर्तमान में 119 हजार करोड यूरिया का उपयोग किया जा रहा है। यदि इसकी मात्रा पर अंकुश लगता है तो 80 हजार करोड रूपये की बचत होगी। प्रो. शुक्ला ने कहा कि पौधों के लिये 16 पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। रासायनिक खादों से हम केवल दो से तीन पोषक तत्व ही फसलों को देते हैं। जैविक खाद से हम सभी तरह के पोषक तत्वों की पूर्ति कर सकते हैं। प्रो. शुक्ला ने यह भी जानकारी दी कि कृषि विश्वविद्यालय द्वारा उन्नत किस्म के गेहूँ बीज तैयार किया गया है। किसान भाई यहाँ से गेहूँ का बीज प्राप्त कर सकते हैं।
विधायक साहब सिंह गुर्जर ने कहा कि हमारा देश कृषि प्रधान देश है। यदि देश का किसान मजबूत होगा तभी देश भी मजबूत होगा। उन्होंने कहा कि किसान मेले में लगी प्रदर्शनी में जैविक खेती के लिये उपयोगी जानकारी उपलब्ध है, किसान भाई इसका लाभ उठाएं। विधायक बृजेन्द्र सिंह यादव ने किसान मेले की प्रशंसा की। साथ ही कहा कि रासायनिक खादों के अंधाधुंध इस्तेमाल से खेतों की उर्वरा शक्ति घट रही है। प्राकृतिक खेती अपनाकर इस पर अंकुश लगाया जा सकता है। किसान मेले में इस संबंध में विस्तृत जानकारी उपलब्ध है। आरंभ में मुख्य अतिथि मंत्री नारायण सिंह कुशवाह ने फीता काटकर एवं दीप प्रज्ज्वलन कर किसान मेला का शुभारंभ किया। उन्होंने प्रदर्शनी सेक्टर का भी जायजा लिया।
प्रगतिशील कृषकों का किया सम्मान
उद्घाटन कार्यक्रम में अतिथियों द्वारा प्रदेश भर से आए प्रगतिशील किसानों को सम्मानित किया गया। इनमें प्रदीप सिलदार सोलंकी अलीराजपुर, मुकाम सिंह अलीराजपुर, सुरेश सिंह भिण्ड, अरविन्द सिंह मुरैना, रामाधार सिंह एवं बलविन्दर सिंह ग्वालियर को उत्कृष्ट कृषक सम्मान प्रदान किए गए। साथ ही देशभर में प्राकृतिक खेती के लिये विख्यात उन्नत कृषक ताराचंद वेल को वृक्षाआयुर्वेद में उन्नत कार्य के लिये सम्मानित किया गया। इस अवसर पर कृषि ड्रोन का लाइव प्रदर्शन भी किया गया। अलीराजपुर से आये कलाकारों द्वारा मनमोहक लोक नृत्य कर समा बांध दिया।
प्रदर्शनी के खास आकर्षण
किसान मेले के मुख्य आकर्षण श्री अन्न मिलेट्स प्रदर्शनी, प्राकृतिक एवं जैव खेती, जल एवं मृदा सरंक्षण, जलवायु-अनुकूल कृषि प्रणाली पर तकनीक सत्र, आधुनिक कृषि यंत्रों एवं ए.आई. आधारित ड्रोन प्रदर्शनी शामिल हैं। साथ ही मधुमक्खी उत्पादन एवं प्रसंस्करण, खाद्य प्रसंस्करण, मशरूम उत्पादन एवं प्रसंस्करण, हाईटेक नर्सरी प्रदर्शनी, पशु प्रदर्शनी, फल-फूल तथा साग-सब्जी प्रदर्शनी भी आकर्षण का केन्द्र बनी हुई है।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर