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• गांधीनगर में ‘उद्यमिता सम्मान कार्यक्रम’ आयोजित
गांधीनगर, 21 फ़रवरी (हि.स.)। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने शुक्रवार को गांधीनगर के महात्मा मंदिर में आयोजित ‘उद्यमिता सम्मान कार्यक्रम’ में कहा कि आज भारत के उद्योगों द्वारा निर्मित उत्पादों का दुनिया के देशों में निर्यात हो रहा है। अमेरिका जैसे देश भी आज भारत के उत्पादों का आयात कर उनका उपयोग कर रहे हैं और इस अर्थ में देखें तो प्रधानमंत्री की ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर वर्ल्ड’ की संकल्पना चरितार्थ हो रही है।
‘उद्यमिता सम्मान कार्यक्रम’ में मुख्यमंत्री के अलावा उद्योग मंत्री बलवंतसिंह राजपूत, उद्योग राज्य मंत्री हर्ष संघवी और लघु उद्योग राज्य मंत्री जगदीश विश्वकर्मा उपस्थित रहे। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने 8300 से अधिक उद्यमियों को विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत 3630 करोड़ रुपए से अधिक की सहायता प्रदान की और भरूच, पोरबंदर एवं बनासकांठा जिले के औद्योगिक क्षेत्र (जीआईडीसी) की विभिन्न बुनियादी ढांचा सुविधाओं का ई-लोकार्पण तथा साणंद जीआईडीसी 2.0 की विभिन्न बुनियादी ढांचागत सुविधाएं विकसित करने के लिए धन के आवंटन के साथ ही विभिन्न उद्योग काउंसिलों का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने गुणवत्ता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह रथ 50 दिनों तक गुजरात के सभी जिलों में घूमते हुए छोटे-बड़े उद्योगों तक पहुंचेगा और उद्योगों में गुणवत्ता विकसित करने को लेकर जागरूकता फैलाएगा। मुख्यमंत्री ने उत्पादों की गुणवत्ता के संबंध में कहा कि गुजरात और देश के उद्योग जब पूरी दुनिया के लिए उत्पाद का निर्माण करते हैं, तब उनकी गुणवत्ता निस्संदेह सर्वोत्तम होनी चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि स्टार्टअप क्षेत्र में गुजरात पिछले चार वर्षों से देश भर में अव्वल स्थान पर रहा है। इसके साथ ही, गुजरात में महिला उद्यमियों की संख्या में भी लगातार वृद्धि हो रही है। आज देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में गुजरात का योगदान 8.3 फीसदी है। वर्ष 2030 तक इसे 10 फीसदी तक पहुंचाने के लिए राज्य सरकार के साथ सभी उद्यमियों को भी सहभागी होना होगा। उद्योग मंत्री बलवंतसिंह राजपूत ने कहा कि पिछले दो दशकों में गुजरात उद्योग क्षेत्र में एक रोल मॉडल राज्य बना है। गुजरात की इन नीतियों के चलते पिछले दो वर्ष में छोटे उद्यमियों की संख्या 13 लाख से बढ़कर 20 लाख तक पहुंच गई है। राजपूत ने कहा कि आज देश के कुल निर्यात में गुजरात की हिस्सेदारी 33 फीसदी है। इसके अलावा, दुनिया की शीर्ष 500 कंपनियों में से 100 ने गुजरात में निवेश किया है। गुजरात में निवेश के लिए आने वाले उद्योगों के लिए केवल छह दिनों में भूमि के आवंटन और 60 दिनों में भूमिपूजन को संभव बनाने वाली फास्ट ट्रैक व्यवस्थाएं विकसित की गई हैं। उन्होंने राज्य के छोटे उद्योगकारों से आह्वान किया कि वे क्लस्टर बनाकर कॉमन फैसिलिटी का उपयोग करें। इस तरह वे लॉजिस्टिक खर्च को कम कर सकते हैं।
उद्योग राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने उद्यमियों को बधाई देते हुए कहा कि आज गुजरात लाखों युवाओं के सपनों को साकार करने वाला राज्य बन गया है। संघवी ने कहा कि आज उद्योग क्षेत्र केवल पुरुषों तक ही सीमित नहीं रह गया है। राज्य की कई उद्योग-उन्मुख योजनाओं के क्रियान्वयन से महिलाएं भी ‘बिजनेस वुमेन’ बनकर अपने परिवार की मदद कर आत्मनिर्भर बन रही हैं। लघु उद्योग राज्य मंत्री जगदीश विश्वकर्मा ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत बनने और निर्यात में अग्रणी रहने के लिए मैन्युफैक्चरिंग सर्विसेज और उत्पाद में बेहतर गुणवत्ता बहुत ही आवश्यक है। विश्वकर्मा ने कहा कि गुजरात ने सेक्टर स्पेसिफिक इंडस्ट्रियल पार्क घोषित किए हैं और राज्य में विभिन्न इंडस्ट्रियल पॉलिसियां भी लागू की गई हैं, ऐसे में इंडस्ट्रीज में गुणवत्ता का योगदान सबसे अधिक होगा। उन्होंने कहा कि आज मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में गुजरात 21 से अधिक पॉलिसियों वाला देश का अग्रणी राज्य बना है।
समारोह के दौरान राज्य सरकार और क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट फॉर मीडियम एंड स्मॉल इंटरप्राइज (सीजीटीएमएसई) के बीच 25 करोड़ रुपए के कॉर्पस फंड के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। इसके अलावा, गुजरात की कई उद्योग-उन्मुख योजनाओं के लाभार्थियों ने अपने विचार व्यक्त किए तथा सफलता को लेकर अपनी प्रतिक्रियाएं भी दीं। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर स्टार्टअप्स और छोटे उद्योगकारों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का जायजा लिया और उनके उद्योगों तथा उद्योगों की सफलता में राज्य सरकार की भूमिका के बारे में जानकारी हासिल की। कार्यक्रम में गुजरात के मुख्य सचिव पंकज जोशी, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव एम.के. दास, उद्योग एवं खान विभाग की प्रधान सचिव ममता वर्मा और भारतीय गुणवत्ता परिषद (क्यूसीआई) के अध्यक्ष जक्षय शाह के अलावा राज्य सरकार के अधिकारी, कर्मचारी और बड़ी संख्या में उद्यमी मौजूद रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / बिनोद पाण्डेय