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दमोह, 21 फ़रवरी (हि.स.)। नगर पालिका परिषद दमोह में एक बडा घोटाला सामने आया है जिसमें नगर की लगभग दो सौ दुकानों की फाईलें गायब हैं। मामले को लेकर कलेक्टर दमोह को कुछ लोगों ने शिकायत करते हुये कार्यवाही की मांग की है। वहीं मुख्य नगर पालिका अधिकारी प्रदीप ने मामले को लेकर किये गये प्रश्न के उत्तर में यह स्वीकार किया है कि कुछ फाईलें कार्यालय में नहीं है और यह कैसे और किसके द्वारा की गयी है जांच चल रही है। उनका कहना है कि दोषियों पर कार्यवाही की जायेगी।
विदित हो कि पूर्व में फर्जी संस्थाओं और जीएसटी के मामले को लेकर हुये एक बडे घोटाले को लेकर नगर पालिका चर्चा में बनी रही थी। अब एक और नया घोटाला सामने आया है। जिसमें 200 लोगों से करीब 3.50 करोड़ की राशि वसूल करने के बाद राशि खुर्द बुर्द कर दी गई और दस्तावेज नगर पालिका से गायब हो गए हैं दमोह नगर पालिका ने अलग-अलग जगह पर 200 दुकान बनाकर बेरोजगारों को रोजगार देने के टेंडर निकाले थे जिसमें गरीबों बेरोजगारों ने टेंडर भरे थे दुकान के टेंडर खोले गए दुकान नंबर अलाट किए गए और करीब साढे तीन करोड रुपए जमा किए गए, लेकिन एक भी व्यक्ति को दुकान नहीं दी गई। इस संबंध में जब फरियादियों ने जनसुनवाई में शिकायत की तो मुख्य नगर पालिका अधिकारी ने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि दस्तावेज कार्यालय से गायब हो गए हैं। 200 में से एक भी व्यक्ति को दुकान नहीं दी गई उनके पैसे भी नगर पालिका ने खुर्द बुर्द कर दिए और दस्तावेज गायब कर दिए गए, ऐसे में अपने खून पसीने की कमाई नगर पालिका के हाथों गवा चुके लोग दर-दर भटक रहे हैं और न्याय की आस में अब कोर्ट का दरवाजा खटखटाना की जुगत लगा रहे है।
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हिन्दुस्थान समाचार / हंसा वैष्णव