दमोहः जिले में ध्वनि विस्तारक यंत्रों प्रयोग पूर्णतः प्रतिबंधित
दमोह, 21 फ़रवरी (हि.स.)। बढते ध्वनि प्रदुषण के चलते परेशान आम जनमानस एवं बच्चों को दमोह कलेक्टर राहत देने के लिए शुक्रवार को एक आदेश जारी किया है। जिसमें ध्वनि विस्तारक यंत्रों की ध्वनि सीमा निर्धारित की गयी है। उल्लंघन करने वालों पर कडी कार्यवाही क
दमोह-प्रशासन और पुलिस की परीक्षा नजर नियम निर्देशों का उलंघन तो कार्यवाही


दमोह, 21 फ़रवरी (हि.स.)। बढते ध्वनि प्रदुषण के चलते परेशान आम जनमानस एवं बच्चों को दमोह कलेक्टर राहत देने के लिए शुक्रवार को एक आदेश जारी किया है। जिसमें ध्वनि विस्तारक यंत्रों की ध्वनि सीमा निर्धारित की गयी है। उल्लंघन करने वालों पर कडी कार्यवाही करने का आदेश दिया गया है।

विदित हो कि जिले के विद्यार्थियों की वार्षिक परीक्षाओं को देखते हुये म.प्र. कोलाहल अधिनियम 1985 के तहत प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए जिला मजिस्ट्रेट सुधीर कुमार कोचर ने शुक्रवार को जिले की राजस्व सीमाओं में रात्रि 10 बजे से प्रातः 06 बजे तक की अवधि में जिला दमोह में ध्वनि विस्तारक यंत्रों का किसी भी प्रकार से प्रयोग पूर्णतः प्रतिबंधित किया है। जिला मजिस्ट्रेट कोचर ने कहा है विभिन्नक स्त्रोतों से यह तथ्य संज्ञान में लाया गया है कि उपरोक्त समयावधि के अतिरिक्त प्रातरू 06 बजे से रात्रि 10 बजे के मध्य भी ध्वनि विस्तारक यंत्रों को तेज आवाज में बजाये जाने की शिकायतें प्राप्त हो रही हैं। उक्त के परिप्रेक्ष्य में ध्वनि प्रदूषण (विनियमन एवं नियंत्रण) नियम-2000 के अंतर्गत अधिसूचित अनुसूची के अनुसार दिन के समय प्रातरू 06 बजे से रात्रि 10 बजे तक की अवधि के लिये ध्वनि विस्तारक यंत्रों की अधिकतम ध्वनि सीमा निर्धारित की गई है।

क्या है ध्वनि की निर्धारित सीमा-

कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने बताया औधोगिक क्षेत्र में 75 डेसिबल, व्यवसायिक क्षेत्र में 65 डेसिबल, आवासीय क्षेत्र में 55 डेसिबल एवं साईलेंस जोन में 50 डेसिबल ध्वनि सीमा निर्धारित की गई है। इस प्रकार दमोह जिले की राजस्व सीमाओं में मध्य प्रदेश कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 के अंतर्गत 25 मार्च 2025 तक रात्रि 10 बजे से प्रातः 06 बजे तक की अवधि में ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग पूर्णतः प्रतिबंधित किया गया है। प्रातरू 06 बजे से रात्रि 10 बजे तक की अवधि के लिये ध्वनि प्रदूषण (विनियमन एवं नियंत्रण) अनुसार ध्वनि सीमा के भीतर ही ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग किया जा सकेगा। इस प्रावधान का उल्लंघन करने वालों के विरूद् शिकायत प्राप्त होने पर ध्वनि प्रदूषण (विनियमन एवं नियंत्रण) नियम-2000 के नियम 6, 7 एवं 8 में वर्णित प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही की जायेगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / हंसा वैष्णव