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रामगढ़, 21 फ़रवरी (हि.स.)। धरती पर मां का दर्जा ईश्वर से भी ऊपर है। ऐसा इसलिए कहा जाता है कि किसी भी बच्चे को उसकी मां से ज्यादा कोई प्यार नहीं कर सकता। रामगढ़ में भी शुक्रवार को एक ऐसा वाकया हुआ। यहां मां से मिलने दो अबोध बच्चे अपने नानी घर से पैदल निकल पड़े। यह दोनों और कोई नहीं सगे भाई बहन थे। सात वर्षीया होलिका कुमारी और चार वर्षीय आलोक कुमार बूढ़ाखुकरा गांव में अपने नानी के घर में रहकर पढ़ाई कर रहे थे।
शुक्रवार की दोपहर नानी घर से होलिका और आलोक का मन उचट गया। वे अपने माता-पिता से मिलने के लिए अपने गांव दोहाकातू पैदल ही निकल पड़े। कुछ दूर चलने के बाद रामगढ़-रांची राष्ट्रीय राजमार्ग 33 पर चुट्टूपालू घाटी के गड़के मोड पर वे रास्ता भटक गए और रोने लगे। सड़क किनारे गन्ने का जूस बेच रहे व्यक्ति ने उन्हें रोका और उन्हें चुप कराया। उसी व्यक्ति ने पुलिस को दोनों बच्चों की खबर दी।
पेट्रोलिंग में मौजूद सब इंस्पेक्टर जॉनी ने दोनों बच्चों को गाड़ी में बिठाया और उनकी पहचान कराने में जुट गए।धीरे-धीरे उन्हें होलिका और आलोक के घर का पता मिल गया। दोनों बच्चों को लेकर जब वह दोहाकातू गांव पहुंचे तो पता चला कि उनके माता-पिता मजदूरी करने किसी दूसरे स्थान पर निकले हैं। पुलिस ने दोनों बच्चों के चाचा गुलपा मुंडा और चाची केसिया देवी को सौंप दिया।
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हिन्दुस्थान समाचार / अमितेश प्रकाश