जीआईएस में दिखेगी मप्र की सांस्कृतिक विरासत की झलक, “अमृतस्य मध्य प्रदेश” नृत्य नाटिका में 100 से अधिक कलाकार देंगे मनमोहक प्रस्तुतियां
भोपाल, 21 फ़रवरी (हि.स.)। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस) में निवेशकों, उद्योगपतियों और अतिथियों को प्रदेश की ऐतिहासिक विरासत और समृद्ध संस्कृति का अनुभव कराने के लिए विशेष रूप से संयोजित 'अमृत्य मध्यप्रदेश' नृत्य नाटिका की प्रस्तुति दी जाएगी। प्र
जीआईएस में हाेगी अमृत्य मध्यप्रदेश' नृत्य नाटिका की प्रस्तुति


भोपाल, 21 फ़रवरी (हि.स.)। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस) में निवेशकों, उद्योगपतियों और अतिथियों को प्रदेश की ऐतिहासिक विरासत और समृद्ध संस्कृति का अनुभव कराने के लिए विशेष रूप से संयोजित 'अमृत्य मध्यप्रदेश' नृत्य नाटिका की प्रस्तुति दी जाएगी। प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत विविधता और पर्यटन स्थलो की खूबसूरती को प्रसिध्द कोरियोग्राफर मैत्री पहाड़ी के निर्देशन में 100 से अधिक कलाकार अनूठे रूप में दर्शित करेगें। इसके साथ ही आयोजन स्थल इंदिरा गांधी मानव संग्रहालय में प्रदेश के पारंपरिक और स्थानीय लोकनृत्य, मटकी नृत्य, करमा जनजातीय नृत्य आदि की प्रस्तुति एक विशेष आकर्षण होगी।

इस संबंध में प्रमुख सचिव पर्यटन और संस्कृति एवं प्रबंध संचालक टूरिज्म बोर्ड शिव शेखर शुक्ला का कहना है कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस) के दौरान अतिथियों को मध्यप्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और पर्यटन स्थलों की संगीतमयी अनुभूति करायी जाएगी। उनके मध्यप्रदेश आने के अनुभव को अविस्मरणीय बनाने के लिए कई मनमोहक कार्यक्रम अनूठे अंदाज में प्रस्तुत किए जाएगें। यह प्रयास प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने और निवेशकों को आकर्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगे।

उन्‍होंने बताया कि आयोजन स्थल पर विभिन्न मंचों पर लोकगीत, जनजातीय संगीत और पारंपरिक लोक नृत्य का भी मनमोहक मंचन किया जाएगा। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिये अतिथि निवेशकों को प्रदेश की एतिहासिक विरासत परंपरा और उससे हमारा जुड़ाव को नजदीक से अनूठे अंदाज में देखने को मिलेगा ।

उल्‍लेखनीय है कि आयोजन के अंतर्गत 23 फरवरी को ताज लेक फ्रंट होटल में शाम 6:30 बजे से बांसुरी, सरोद, सारंगी और जुगलबंदी जैसी संगीतमय प्रस्तुति दी जाएगी। समिट के पहले दिन 24 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय इंदिरा गांधी मानव संग्रहालय में सुबह आठ बजे से स्थानीय संस्कृति को प्रदर्शित करते लोककला दलों की प्रस्तुतियां आयोजित की जाएंगी। इसी दिन ओडीओपी (ओडीओपी) मंच और मध्यप्रदेश पवेलियन में प्रदेश की सांस्कृतिक झलक भी देखने को मिलेगी, जिसमें गोंड और भील जनजातियों की लोक संस्कृति एवं बुंदेलखंड व चंबल अंचल की विरासत का प्रदर्शन भी किया जाएगा। शाम को गाला डिनर के दौरान लोकाँचल नृत्य बधाई, मटकी, जनजातीय नृत्य करमा के साथ विशेष 'अमृत्य मध्यप्रदेश' नृत्य नाटिका का प्रदर्शन किया जाएगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. मयंक चतुर्वेदी