(अपडेट) असम विस : हंगामा के बीच सदन की कार्यवाही दो बार की गई स्थगित
- अध्यक्ष ने अखिल गोगोई को आज के लिए सदन की कार्यवाही केे किया निलंबित गुवाहाटी, 21 फरवरी (हि.स.)। असम विधानसभा के बजट सत्र के चौथे दिन की कार्यवाही शुरू होते ही शुक्रवार को सदन में लगातार हंगामा होने के बीच विधानसभा अध्यक्ष बिश्वजीत दैमारी को सदन क
असम विधानसभा की कार्रवाई का दृश्य।


- अध्यक्ष ने अखिल गोगोई को आज के लिए सदन की कार्यवाही केे किया निलंबित

गुवाहाटी, 21 फरवरी (हि.स.)। असम विधानसभा के बजट सत्र के चौथे दिन की कार्यवाही शुरू होते ही शुक्रवार को सदन में लगातार हंगामा होने के बीच विधानसभा अध्यक्ष बिश्वजीत दैमारी को सदन की कार्यवाही दो बार 10 मिनट और 5 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी। कांग्रेस सदस्य के विधानसभा स्थगन के प्रस्ताव को निरस्त करने की मांग को अध्यक्ष ने अस्वीकार कर दिया था। उसके पास कांग्रेस के सदस्य अध्यक्ष की आसंदी के पास पहुंचकर नारेबाजी करने लगे थे।

शुक्रवार को कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस पार्टी के सदस्य एवं नेता प्रतिपक्ष देवब्रत सैकिया ने कांग्रेस सांसद रकीबुल हुसैन पर गुरुवार को हुए नगांव जिले के रूपहीहाट में हुए हमले पर सभा स्थगित कर एक घंटे की चर्चा कराने की मांग करने लगे। इस पर विधानसभा अध्यक्ष दैमारी ने संसदीय कार्यमंत्री चंद्रमोहन पटवारी तथा मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा के अनुपस्थित रहने तथा सदन की कार्यवाही में आर्थिक मामलों पर चर्चा का समय होने का हवाला देते हुए विपक्ष के इस सभा स्थगन प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया। इसके बाद विपक्षी सदस्य उत्तेजित होकर अध्यक्ष के आसन के पास आकर नारेबाजी करने लगे। विपक्षी सदस्य और सत्ता पक्ष किसी भी तरह से मानने को तैयार नहीं हुए तो बाध्य होकर अध्यक्ष को 10 मिनट के लिए सदन की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा। 10 मिनट के अंतराल के बाद जब पुनः सदन की कार्यवाही आरंभ हुई तो फिर से एक बार सत्ता पक्ष एवं विपक्ष अध्यक्ष की आसंदी के समक्ष पहुंचकर नारेबाजी करने लगे। जिसके चलते अध्यक्ष ने 5 मिनट के लिए सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया।

सदन में जल संसाधन मंत्री पियुष हजारिका ने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि इस सिलसिले में जांच जारी है। साथ ही चार लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। आगे की जांच जारी है। वहीं सामागुरी के भाजपा विधायक दिप्लू रंजन शर्मा ने कहा कि इस मामले की जांच होनी चाहिए। साथ ही कहा कि हमले के पीछे संभवतः एडवांटेज असम 2.0 के आयोजन को बाधित करने की साजिस का हिस्सा भी हो सकता है। शर्मा के बयान को सुनते ही विपक्ष ने जोरदार हंगामा शुरू कर दिया। इस बीच सत्तापक्ष के विधायक भी अध्यक्ष की आसंदी के सामने पहुंचकर नारेबाजी करने लगे।

तीसरी बार जब पुनः सदन की कार्यवाही आरंभ हुई तो नेता प्रतिपक्ष देवब्रत सैकिया ने अपने सदस्यों को शांत कराते हुए कहा कि कहा कि बीते कल घटना के संबंध में मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने जो बयान दिया उससे विपक्ष संतुष्ट नहीं है। इसलिए संसदीय मंत्री को इस संबंध में जवाब देना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम भली भांति जानते हैं कि सदन का समय बहुत कीमती है, लेकिन इस तरह की घटना को हम नजरअंदाज नहीं कर सकते। सुरक्षा कैसे हो इस पर सरकार को जवाब देना चाहिए।

संसदीय मंत्री चंद्र मोहन पटवारी ने कहा कि बीते कल मुख्यमंत्री ने राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव रखते समय विपक्ष ने सांसद पर हमले के मुद्दे को उठाया था। उन्होंने घटना को लेकर दुख प्रकट किया था। उन्होंने कहा कि इस बारे में पूरी जांच कर व्यवस्था ली जाएगी। जांच जारी है। अब तक चार आरोपित गिरफ्तार किये जा चुके हैं। पटवारी ने बताया कि घटना की जांच गृह विभाग के उच्च अधिकारी कर रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष सैकिया ने कहा कि अभी तक जांच कमेटी का गठन नहीं हुआ है। साथ ही कहा कि घटना को लेकर स्थानीय थानाध्यक्ष एवं पुलिस अधीक्षक की जांच पर हमें कोई भरोसा नहीं है। घटना सरकारी अधिकारियों की अनदेखी के चलते हुआ है। सैकिया ने कहा कि इस मामले में पुलिस की अकर्मण्यता उजागर हुई है। उन्होंने कहा कि घटना की जांच अतिशिघ्र कर रिपोर्ट सदन की अगली बैठक में पेश किया जाना चाहिए।

संसदीय मंत्री पटवारी ने कहा कि सरकारी अधिकारी की अगर लापरवाही सामने आई तो उसके विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि हम विपक्ष के दुख को भली भांति समझते हैं। हम इस घटना की निंदा करते हैं। साथ ही कहा कि जांच रिपोर्ट मिलने के बाद सदन में इस पर चर्चा की जाएगी।

इस बीच राइजर दल के एकमात्र विधायक अखिल गोगोई लगातार शोरगुल करते हुए चर्चा की मांग करते देखे गये। अध्यक्ष ने अखिल को बार-बार शांत होने का निर्देश देते रहे। अध्यक्ष ने अखिल को कहा कि आप शांत रहें, क्योंकि आपने कोई नोटिस नहीं दिया है। जब शांत नहीं हुए तो अध्यक्ष ने अखिल को सदन की कार्रवाही से आज के दिन के लिए निलंबित कर दिया। इस मार्शल के जरिए अखिल को सदन से बाहर ले जाया गया। इस बाद सदन की चर्चा शांतिपूर्ण माहौल में आरंभ हुई।

आज की घटना के दौरान विपक्षी पार्टी एआईयूडीएफ ने किसी भी तरह का बयान नहीं दिया। सदन के अंदर जहां कांग्रेस के विधायक हंगामा कर रहे थे, वहीं एआईयूडीएफ के विधायक शांतिपूर्वक अपने आसन पर बैठे रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / अरविन्द राय