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नैनीताल, 21 फ़रवरी (हि.स.)। प्रस्तावित अधिवक्ता संशोधन बिल के विरुद्ध शुक्रवार को जिला न्यायालय परिसर में अधिवक्ताओं ने न्यायिक कार्य से विरत रहते हुए जोरदार प्रदर्शन कर अपना विरोध दर्ज कराया और बिल की प्रतियां जलाईं। साथ ही अपर जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति और कानून मंत्री को ज्ञापन भी भेजा। उधर उत्तराखंड उच्च न्यायालय बार में भी विभिन्न बार संघों के प्रतिनिधियों ने पहुंचकर इस मामले में अपना विरोध व्यक्त किया।
जिला बार संघ नैनीताल के अध्यक्ष ओंकार गोस्वामी ने बताया कि प्रस्तावित संशोधन अधिवक्ता समुदाय के हितों के विरुद्ध हैं, इसलिए जब तक यह बिल वापस नहीं लिया जाता, विरोध जारी रहेगा। बार संघ के सचिव संजय सुयाल ने कहा कि यह बिल अधिवक्ताओं की स्वतंत्रता को प्रभावित कर सकता है। उन्होंने बताया कि अब तक अधिवक्ता संघ एक स्वतंत्र निकाय के रूप में कार्य करता रहा है, लेकिन केंद्र सरकार इस बिल के माध्यम से संघों पर नियंत्रण स्थापित करने के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त करने की योजना बना रही है। इससे बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) के कार्यों में भी हस्तक्षेप होगा। अधिवक्ताओं ने कहा कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल और बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
सभा को वरिष्ठ अधिवक्ता मनीष मोहन जोशी, संजय सुयाल, ज्योति प्रकाश बोरा, भगवत प्रसाद, बलवंत सिंह, अनिल बिष्ट और सुंदर आदि ने भी ने संबोधित किया। इस दौरान अधिवक्ता प्रीति साह, भरत भट्ट, अखिल साह, पंकज बिष्ट, अशोक मौलखी, भानु प्रताप मौनी, मनीष कांडपाल, यशपाल आर्या, कमल चिलवाल, पंकज कुमार, शंकर चौहान, सुभाष जोशी, शिवांशु जोशी, निखिल बिष्ट, कैलाश बलुटिया, गिरीश चंद्र जोशी, तरुण चंद्रा, शारिक अली, नीरज गोस्वामी, चंद्रकांत बहुगुणा, निर्मल कुमार, प्रमोद तिवारी, मोहम्मद खुर्शीद, दिग्विजय सिंह, राजेंद्र भैसोड़ा, उमेश कांडपाल, दीपक दानू, कैलाश रावत, दीपक पांडेय, गौरव भट्ट, सरिता बिष्ट, तारा आर्या, मुन्नी आर्या, आकांक्षा आर्या, सिम्मी कपूर, भारती आर्या, किरण आर्या और जया आर्या आदि शामिल रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी