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जयपुर, 20 फरवरी (हि.स.)। राजस्थान हाईकोर्ट की खंडपीठ ने एकलपीठ के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसके तहत एकलपीठ ने महिला कांस्टेबल के साथ स्विमिंग पूल में अश्लीलता करने के मामले में आरपीएस हीरालाल सैनी को बर्खास्त करने के आदेश को रद्द कर दिया था। जस्टिस इन्द्रजीत सिंह और जस्टिस मनीष शर्मा की खंडपीठ ने यह आदेश राज्य सरकार की अपील पर सुनवाई करते हुए दिए।
अपील में महाधिवक्ता राजेन्द्र प्रसाद ने कहा कि आरपीएस हीरालाल सैनी और एक महिला कांस्टेबल का स्वीमिंग पूल में अश्लील हरकतों के वीडियो के आधार पर उसे सेवा से हटाया गया था। वहीं एकलपीठ ने उसे सेवा में लेते हुए समस्त परिलाभ के साथ समान पद पर सेवा में लेने को कहा था। इसके साथ ही एकलपीठ ने छूट दी थी कि मामले की गई चार्जशीट के आधार पर जांच की जा सकती है। महाधिवक्ता ने कहा कि एकलपीठ ने एक ओर चार्जशीट के आधार पर जांच करने की छूट दे दी, वहीं दूसरी ओर हीरालाल की बर्खास्तगी आदेश को भी रद्द कर दिया। ऐसे में दो विरोधाभासी आदेश एक साथ नहीं दिए जा सकते। इसके अलावा राज्य सरकार को शक्ति प्राप्त है कि वह ऐसे शर्मनाक कृत्य के आधार पर दोषी पर कार्रवाई कर सकती है। इसलिए एकलपीठ के आदेश को रद्द किया जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने एकलपीठ के आदेश की क्रियान्विति पर रोक लगा दी है। गौरतलब है कि साल 2021 में हीरालाल सैनी और महिला पुलिसकर्मी का स्वीमिंग पूल का अश्लील वीडियो वायरल हुआ था। जिसमें महिला का छह साल का बेटा भी दिखाई दे रहा था। इस पर राज्य सरकार ने एक अक्टूबर, 2021 को हीरालाल को आरोप पत्र देकर उसी दिन बर्खास्त कर दिया। इस आदेश को हीरालाल सैनी ने हाईकोर्ट की एकलपीठ के समक्ष याचिका दायर कर चुनौती दी थी। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने राज्य सरकार के एक अक्टूबर, 2021 के आदेश को रद्द कर दिया था।
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हिन्दुस्थान समाचार / पारीक