हाईकोर्ट ने ओवर स्पीड से बढ़ती दुर्घटनाओं पर जताई चिंता, आईजी ट्रैफिक से मांगे सुझाव
नैनीताल, 20 फ़रवरी (हि.स.)। हाईकोर्ट ने ओवर स्पीड के कारण हो रही सड़क दुर्घटनाओं पर चिंता जताते हुए आईजी ट्रैफिक अरुण मोहन जोशी से इस समस्या के समाधान के लिए विस्तृत सुझाव मांगे हैं। कोर्ट ने छह सप्ताह के भीतर इन सुझावों को पेश करने के निर्देश दिए है
नैनीताल हाईकोर्ट।


नैनीताल, 20 फ़रवरी (हि.स.)। हाईकोर्ट ने ओवर स्पीड के कारण हो रही सड़क दुर्घटनाओं पर चिंता जताते हुए आईजी ट्रैफिक अरुण मोहन जोशी से इस समस्या के समाधान के लिए विस्तृत सुझाव मांगे हैं। कोर्ट ने छह सप्ताह के भीतर इन सुझावों को पेश करने के निर्देश दिए हैं । काेर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 7 अप्रैल की ति​थि नियत की है।

बुधवार को मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र और न्यायमूर्ति आशीष नैथानी की खंडपीठ ने की। आईजी ट्रैफिक अरुण मोहन जोशी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पेश हुए और बताया कि कई नव जवानों की मौत ओवर स्पीड के कारण से हो चुकी है। उसको रोकने के लिए यातायात पुलिस कार्य कर रही है और ओवर स्पीड से चल रहे वाहनों का चालान किया जा रहा है।

न्यायालय के संज्ञान में यह भी तथ्य लाया गया कि अधिकतर दुर्घटनाएं 16 से 25 के बीच के नव युवकों के साथ हो रही है। वह भी ओवर स्पीड के कारण या नशे की वजह से अ​धिक हो रही है। उन्होंने कहा कि कई जगहों पर सीसीटीवी कैमरे व रोड पर सेंसर लगा दिए गए है। जिस पर कोर्ट ने उनसे इसको रोकने के लिए अपने अन्य सुझाव प्रस्तुत करने को कहा है।

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को अवगत कराया कि जुलाई 2024 से दिसम्बर 2024 तक राज्य में 884 रोड एक्सीडेंट के मामले सामने आए है। कई घरों के चिराग बुझ गए हैं। इसलिए रोडों पर स्पीड सेंसर लगाए जाए, जिसकी जानकारी सम्बंधित थाने व परिजनों को मिल सके।

मामले के अनुसार उच्च न्यायालय के अधिवक्ता ललित मिगलानी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि आये दिन 18 से 25 साल के नौजवान ओवर स्पीड में वाहन चलाने से मौत का कारण बन रहे है। आज कल वाहनों में कई तरह के फीचर आ गए है जिसकी जानकारी उन्हें नही होती है। वर्तमान में नौजवान स्पोर्ट मोड पर वाहन चला रहे जिसकी वजह वे हादसे का शिकार हो रहे है। स्पोर्ट मोड में वाहन चलाने लायक प्रदेश की रोड उस लायक नही है, क्योंकि यह पहाड़ी राज्य है। रोडे संकरी व घुमाऊदार है। ऊपर से कई नौजवान ऐल्कॉहॉलिक स्थिति में वाहन चला रहे है। इसलिए 1000 से 2000 सीसी की गाड़ी चलाने के लिए उनकी उम्र 25 साल निर्धारित की जाए। जैसे कि 16 से 18 वर्ष के युवकों के लिए 50 सीसी तक वाहन चलाने का प्रावधान निर्धारित किया है, ठीक उसी प्रकार बड़े वाहन चलाने के लिए उम्र 25 वर्ष निर्धारित की जाए। वर्तमान में कई हादसे ऐसे हो रहे है जो 18 से 25 साल के युवकों के ओवर स्पीड वाहन चलाने के कारण हो रहे है। इसलिए राज्य सरकार बड़े वाहन चलाने के लिए उम्र का निर्धारण करे।............

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हिन्दुस्थान समाचार / लता