एकत्रित और विकसित असम का निर्माण हमारा सपना है: हिमंत
गुवाहाटी, 20 फरवरी (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्व सरमा ने कहा है कि एक एकत्रित और विकसित असम के निर्माण का उनका सपना है और इसी को पूरा करने के लिए अथक परिश्रम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोकराझाड़ में असम विधानसभा का पहला अधिवेशन बुलाने का
Assam assembly file photo.


गुवाहाटी, 20 फरवरी (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्व सरमा ने कहा है कि एक एकत्रित और विकसित असम के निर्माण का उनका सपना है और इसी को पूरा करने के लिए अथक परिश्रम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोकराझाड़ में असम विधानसभा का पहला अधिवेशन बुलाने का उनका यही मकसद था कि बोडोलैंड के लोग इस बात को लेकर आश्वस्त हो सकें कि उन्हें शासन का पूरा अधिकार मिल गया है। मुख्यमंत्री गुरुवार को असम विधानसभा के चालू बजट सत्र के तीसरे दिन राज्यपाल के अभिभाषण पर हुई चर्चा का उत्तर दे रहे थे। प्रतिपक्ष के नेता विधायक देवव्रत सैकिया ने सदन में सवाल उठाया कि सरकार यदि कोकराझाड़ में विधानसभा का अधिवेशन कर सकती है तो शिवसागर में क्यों नहीं।

जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि शिवसागर के लोग कभी भी पृथक असम की मांग नहीं करते हैं। लेकिन, बोड़ोलैंड क्षेत्र में शुरू से ही डिवाइड असम 50-50 की मांग को लेकर शांतिपूर्ण तथा हिंसक दोनों ही प्रकार के आंदोलन होते रहे थे। मुख्यमंत्री हितेश्वर सैकिया से लेकर सर्वानंद सोनोवाल तक किसी भी मुख्यमंत्री ने बोड़ोलैंड क्षेत्र में जाकर कोई कार्यक्रम करने की हिम्मत नहीं की। 2019 में बोड़ोलैंड एकॉर्ड के समय सशस्त्र आंदोलन कर रहे एनडीएफबी तथा अहिंसक आंदोलन कर रहे आल बोड़ो स्टूडेंट यूनियन ने डिवाइड असम 50-50 की मांग छोड़कर एकत्रित असम की बात इस शर्त पर स्वीकार की कि एकत्रित असम में रहकर उनका पृथक शासन चाहिए। यही वजह है कि कोकराझाड़ में विधानसभा का अधिवेशन आयोजित किया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि असम तब तक एकत्रित रहेगा और विकसित होता रहेगा जब तक जनजातियों को शासन का समान अधिकार दिया जाता रहेगा। चाहे वह कार्बी आंगलोंग हो या बोडोलैंड राभा हाजोंग या फिर अन्य कोई जनजातीय काउंसिल- यह सरकार सभी को शासन का समान अधिकार दे रही है।

विधायक अखिल गोगोई तथा अन्य कई विपक्षी विधायकों द्वारा असम को अन्य राज्यों की तुलना में पीछे दिखाने संबंधी प्रस्तुत किए गए आंकड़ों पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार के दिनों में इन सभी आंकड़ों का ग्राफ ऊंचा हुआ है। आजादी के समय असम की अर्थव्यवस्था पूरे देश की अर्थव्यवस्था से मजबूत थी। लेकिन, भाषा को लेकर हुए आंदोलन से लेकर तमाम आंदोलनों के कारण असम की अर्थव्यवस्था धराशायी होती गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2019 तक असम की जीडीपी को पंजाब से ऊपर ले जाने का उनका प्रयास है। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों के दोनों की विफलता का श्रेय भी उनकी सरकार को नहीं दिया जाना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह समय असम के स्वर्णिम सपनों के पूरा होने का है। चाहे वह चराईदेव मैदान को विश्व धरोहर की स्वीकृति मिलने की बात हो या फिर लाचित बरफूकन को लेकर सरकार की उपलब्धियां- सरकार इसको लेकर गर्व महसूस कर रही है। मुख्यमंत्री ने अपने उत्तर में बताया कि किस प्रकार 45 हजार टेट शिक्षकों की नौकरियां नियमित की गईं। स्कूल भवनों के निर्माण के लिए आठ करोड रुपए प्रति स्कूल दिए जा रहे हैं। चाय बागानों में 280 नए स्कूल खोले गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि असम सरकार केंद्र सरकार द्वारा धान और सरसों पर दिए जा रहे न्यूनतम् समर्थन मूल्य के अतिरिक्त भी एक राशि किसानों को देगी। उन्होंने कहा कि मक्का को भी एमएसपी के दायरे में लाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने सभी विधायकों से अपील की कि इस वर्ष को एयर ऑफ द बुक के रूप में मनाएं। राज्य के हर चप्पे-चप्पे पर लाइब्रेरी खोलने की सरकार की योजना है।

आज की इस चर्चा में सत्ता तथा प्रतिपक्ष के कई विधायकों ने हिस्सा लिया। विधायक दुर्गा दास बोड़ो ने कहा कि सरकार जहां भी नए कॉलेज खोल रही है वहां इस बात का ध्यान दे कि उच्चतर माध्यमिक विद्यालय है या नहीं। जबकि, भाजपा विधायक दिप्लू रंजन शर्मा ने कहा कि सबका साथ सबका विकास का सबसे बड़ा उदाहरण सामगुरी क्षेत्र है। वहीं, कांग्रेस विधायक कमलाक्ष दे पुरकायस्थ ने कहा कि इस सरकार ने चार वर्षो में जितना काम किया है पहले कभी इतना काम नहीं हुआ। जबकि, भाजपा विधायक हेमांग ठाकुरिया ने सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न महत्वाकांक्षी योजनाओं की चर्चा की।

विपक्षी विधायक अखिल गोगोई ने कहा कि सरकार ने बोड़ोलैंड क्षेत्र में विधानसभा का अधिवेशन तो बुलाया, लेकिन बिटीआर क्षेत्र के विकास का कोई स्पष्ट रोड मैप राज्यपाल के अभिभाषण में नहीं दिखा। वहीं कांग्रेस विधायक का शिवामणि बोरा ने कहा कि सरकार निकृष्ट राजनीति कर रही है। जहां सत्ता पक्ष के विधायकों वाले क्षेत्र में अधिक पूंजी का आवंटन हो रहा है, वहीं विपक्षी विधायकों के क्षेत्र में यह नगण्य है। विधायक गणेश कुमार लिंबू ने कहा कि उग्रवाद के कारण चौपट अर्थव्यवस्था आज शांति के कारण फिर से पटरी पर लौट रही है। उन्होंने सेमीकंडक्टर पॉलिसी तथा सरकार के अन्य उपलब्धियां की चर्चा की। वहीं, कांग्रेस विधायक मिसबाहुल इस्लाम लश्कर ने कहा कि बराक घाटी के विधायक निराश हैं। बराक घाटी में एकमात्र जो काम हुआ वह करीमगंज जिले का नाम बदलकर श्रीभूमि रखा गया। इसके अलावा कोई भी कार्य नहीं हुआ। चर्चा काफी लंबी होने के कारण सत्ता तथा प्रतिपक्ष के कई विधायकों को अपनी बातें रखने का मौका नहीं मिला।

अंत में मुख्यमंत्री ने बताया कि बिप्लब शर्मा कमेटी की रिपोर्ट पर चर्चा करने से पूर्ववर्ती तरुण गोगोई सरकार के दिनों में सरकारी नौकरियों में हुई धांधली का पोल खुलती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सांसद ने तीन लाख रुपये का सोना उपहार लिया था, वह भी सरेआम हो जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार उमंगशु कोल माइन, सिंडिकेट, बिप्लब शर्मा आयोग की रिपोर्ट आदि मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। उन्होंने कहा की सरकार एक ही दिन सदन के पटल पर बिप्लब शर्मा की रिपोर्ट और उनके कार्यकाल में दी गई एक लाख 13 हजार नौकरियों की सूची रखेंगे, ताकि लोग देखें कि एक तरफ नौकरी में भ्रष्टाचार और एक तरफ भ्रष्टाचार मुक्त इतने लोगों को दी गई नौकरी। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा स्वच्छ तरीके से दी गई नौकरियां असम के इतिहास में दर्ज रहेगी।

मुख्यमंत्री ने बताया कि पाकिस्तानी अली तौकीर शेख की गतिविधि को लेकर गठित की गई एसआईटी की जांच में यह खुलासा हुआ है कि तौकीर शेख बार-बार भारत में आता रहा है। उन्होंने कहा कि एसआईटी इसके तह तक जाएगी। यदि जांच एसआईटी से पूरा नहीं होता है तो मामला एनआईए को सौंप दिया जाएगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश