Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
कानपुर, 20 फरवरी (हि.स.)। मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए फसल अवशेषों में आग न लगाकर उसे सड़ाकर खाद बनायें। इससे आपकी ज़मीन में मज़बूती आएगी और अनाज में बढ़ोत्तरी होगी। यह बातें गुरूवार को चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्र दलीप नगर द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन विषय पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ अजय कुमार सिंह ने कही।
उन्होंने बताया कि किसानों को फसल अवशेषों को न जलाने के लिए जागरूक किया गया है। फसल अवशेषों में आग न लगाकर उन्हें खेत में सड़ा कर ही खाद बनाएं। इससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति बरकरार रहेगी।
मृदा वैज्ञानिक डॉ. खलील खान ने कहा कि फसल अवशेषों में आग लगने से पर्यावरण प्रदूषित होता है। इसके साथ ही मनुष्य का स्वास्थ्य भी काफी हद तक प्रभावित होता है। इसमें बच्चे बुजुर्ग व गर्भवती महिलाएं सबसे अधिक प्रभावित होती हैं।
डॉ खान ने बताया कि जनपद में धान व गेहूं का फसल चक्र मुख्य है। जिससे काफी मात्रा में फसल अवशेष होता है। आग लगने से मृदा में सूक्ष्म जीवाणु नष्ट हो जाते हैं। फसल अवशेष प्रबंधन के लिए किसानों का जागरूक होना अति आवश्यक है।
इस अवसर पर कार्यक्रम का सफल संचालन वैज्ञानिक डॉ. शशिकांत ने किया। गौरव शुक्ला, सहित प्रगतिशील किसान सुनील कुमार, जगदीश कुमार, राम सजीवन, अनीता देवी एवं दिव्या सहित 25 किसानों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया।
हिन्दुस्थान समाचार / मो0 महमूद