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45-45 हजार अर्थदंड की सजा
मीरजापुर, 20 फ़रवरी (हि.स.)। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मीरजापुर सोमेन बर्मा के नेतृत्व में अभियोजन की सशक्त एवं प्रभावी पैरवी के परिणामस्वरूप हत्या एवं लूट के तीन आरोपियों को सश्रम आजीवन कारावास तथा 45-45 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई गई है। यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश, कोर्ट संख्या-03 मीरजापुर संतोष कुमार गौतम द्वारा सुनाया गया।
11 जुलाई 2008 को थाना चुनार क्षेत्र के कूबाखुर्द सरंगा निवासी हरिशंकर उर्फ नखडू ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसका 27 वर्षीय पुत्र साधु अपनी 21 बकरियों को चराने के लिए तरंगा पहाड़ी (लहास पहाड़ी) गया था। देर शाम तक घर न लौटने पर परिजनों ने खोजबीन की, तो उसका शव पहाड़ी पर पत्थरों के नीचे दबा मिला। जांच के दौरान पता चला कि तीन युवकों ने बकरियों को लेकर कूबा खुर्द बंधी की ओर जाते हुए देखा गया था।
इस संबंध में थाना चुनार पर मु.अ.सं. 501/2008 के तहत धारा 302, 201, 394 भादवि में मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
अभियोजन अधिकारी एडीजीसी श्रीधर पाल, विवेचक निरीक्षक जयशंकर प्रसाद, कोर्ट मुहर्रिर उपनिरीक्षक सतीश कुमार व पैरोकार आरक्षी अजय कुमार की सशक्त पैरवी के चलते अदालत ने तीनों अभियुक्तों को दोषी करार देते हुए कठोर दंड सुनाया।
अपर सत्र न्यायाधीश ने दोषसिद्ध तीन अभियुक्तों मनोज कुमार पटेल पुत्र भोनू राम पटेल, जिउत बनवासी पुत्र स्व. रामप्रसाद व संजय राजभर पुत्र महाजन राजभर सभी निवासी दरेखू, थाना रोहनिया, जनपद वाराणसी को सश्रम आजीवन कारावास तथा 45-45 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। अर्थदंड अदा न करने पर प्रत्येक अभियुक्त को 6-6 माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगतना होगा।
हिन्दुस्थान समाचार / गिरजा शंकर मिश्रा