गोरखपुर में पांचवें विश्वविद्यालय का मार्ग प्रशस्त
वानिकी एवं औद्यानिक विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए बजट में 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था
गोरखपुर में पांचवें विश्वविद्यालय का मार्ग प्रशस्त


गोरखपुर, 20 फ़रवरी (हि.स.)। वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में योगी सरकार ने 50 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान कर गोरखपुर में पांचवें विश्वविद्यालय की स्थापना का मार्ग प्रशस्त कर दिया है। वानिकी और औद्यानिक विश्वविद्यालय के रूप में गोरखपुर का यह पांचवां विश्वविद्यालय बेहद अनूठा और उत्तर भारत का अपने तरह का पहला विश्वविद्यालय होगा। इस विश्वविद्यालय की स्थापना के साथ ही वन एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए योगी सरकार और गोरखपुर के नाम एक और बड़ी उपलब्धि दर्ज हो जाएगी।

गोरखपुर के प्रभागीय वनाधिकारी (डीएफओ) विकास यादव का कहना है कि वानिकी विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए जरूरी प्रक्रियाओं को पूरा करने के साथ ही यहां चलने वाले पाठ्यक्रमों का ड्राफ्ट भी तैयार कराया जा रहा है। इसके लिए टेक्निकल एक्सपर्ट की कमेटी बना दी गई है। इस विश्वविद्यालय में वानिकी के अलावा कृषि वानिकी, सामाजिक वानिकी और औद्यानिक के भी डिग्री और डिप्लोमा कोर्स संचालित कराने की योजना है। ताकि बड़ी संख्या में युवाओं के सामने नौकरी और रोजगार के व्यापक अवसर उपलब्ध हो सकें।

गोरखपुर वन प्रभाग में स्थापित होने वाला वानिकी विश्वविद्यालय न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि समूचे उत्तर भारत का अपने तरह का पहला विश्वविद्यालय होगा। यही नहीं, यह देश का दूसरा और पूरी दुनिया का चौथा वानिकी विश्वविद्यालय होगा। देश की पहली और दुनिया की तीसरी फॉरेस्ट्री यूनिवर्सिटी तेलंगाना में है जहां वानिकी महाविद्यालय एवं अनुसंधान संस्थान को अपग्रेड कर विश्वविद्यालय बनाया गया है। देहरादून में 1906 में स्थापित फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टिट्यूट डीम्ड यूनिवर्सिटी के रूप में है।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / प्रिंस पाण्डेय