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इटानगर, 20 फरवरी (हि.स.)। अरुणाचल प्रदेश के मुख्य मंत्री पेमा खांडू ने अरुणाचल प्रदेश धर्म स्वतंत्रता अधिनियम, 1978, को लेकर राज्य में राजनीति नहीं करने और लोगों को गलत सुझाव ना देने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने ये बातें आज इटानगर में 39वां राज्य स्थापना दिवस समारोह में लोगों को संबोधित करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि.अधिनियम का उद्देश्य स्वदेशी धार्मिक प्रथाओं की रक्षा करना है और यह सुनिश्चित करना है कि व्यक्तियों को अपना विश्वास बदलने के लिए मजबूर नहीं किया जाए। अधिनियम के आलोचकों को आश्वस्त किया कि उच्च न्यायालय के निर्देश के तहत बनाए जा रहे नियम किसी भी धार्मिक समुदाय को लक्षित नहीं करते हैं - चाहे बौद्ध, ईसाई, हिंदू, या कोई अन्य धर्म हो। यह अधिनियम तब पारित किया गया था जब राज्य केंद्र शासित प्रदेश था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की परंपरा, संस्कृति आदि की रक्षा के उद्देश्य से अधिनियम पारित किया गया था।लेकिन अधिनियम लागू नहीं कर पाए क्योंकि मसौदा पूरा नहीं हुआ था, लेकिन गौहाटी उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद मसौदा तैयार करने की प्रक्रिया चल रही है और मसौदा पूरा होने के बाद अधिनियम लागू किया जाएगा। राज्य सरकार इस अधिनियम पर लोगों के सुझाव और राय लेने के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में राज्य के गृह मंत्री ने 21 फरवरी को इस मामले पर चर्चा के लिए अरुणाचल क्रिस्चियन फोरम को आमंत्रित किया है। अरुणाचल प्रदेश धर्म स्वतंत्रता अधिनियम, 1978 बलपूर्वक धार्मिक रूपांतरणों को रोकते हुए स्वदेशी समुदायों की धार्मिक पहचान को संरक्षित करने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण कानून बना है।
हिन्दुस्थान समाचार / तागू निन्गी