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नई दिल्ली, 20 फरवरी (हि.स.)। कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ ऑल बार एसोसिएशंस ऑफ दिल्ली ने प्रस्तावित एडवोकेट अमेंडमेंट बिल के विरोध में दिल्ली की जिला अदालतों में वकीलों की हड़ताल अगले दो दिन यानी 21 एवं 22 फरवरी को भी जारी रखने का आह्वान किया है। दिल्ली में वकील प्रस्तावित एडवोकेट अमेंडमेंट बिल के विरोध में 17 फरवरी से हड़ताल पर हैं। आज भी दिल्ली की सभी निचली अदालतों में वकीलों ने न्यायिक कार्य का बहिष्कार किया, जिसकी वजह से मामले में सुनवाई नहीं हो सकी और पक्षकारों को केवल डेट ही मिली।
कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ ऑल बार एसोसिएशंस ऑफ दिल्ली की ओर से आज एक नोटिस जारी किया गया, जिसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार जब तक इस प्रस्तावित बिल को पूरे तरीके से वापस नहीं लेती है, तब तक वकीलों की हड़ताल दिल्ली में जारी रहेगी। कोआर्डिनेशन कमेटी के मुताबिक एडवोकेट अमेंडमेंट बिल वकीलों की गरिमा और स्वतंत्रता पर हमला है। कोआर्डिनेशन कमेटी ने दिल्ली की निचली अदालतों के न्यायिक अधिकारियों से आग्रह किया है कि वे वकीलों की अनुपस्थिति में कोई भी प्रतिकूल आदेश जारी नहीं करें। कोआर्डिनेशन कमेटी का कहना है कि प्रस्तावित ड्राफ्ट बिल के जरिये वकीलों की आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है और इससे बार एसोसिएशंस की ताकत को कम करने की कोशिश की जा रही है।
केंद्र सरकार ने हाल ही में एडवोकेट अमेंडमेंट बिल का ड्राफ्ट जारी किया है। केंद्र सरकार ने इस ड्राफ्ट बिल पर सभी पक्षों के सुझाव मांगे हैं। इस बिल में वकीलों को न्यायिक कार्यों के बहिष्कार या हड़ताल करने या काम से दूर रहने से रोकने का प्रावधान है। इस अमेंडमेंट बिल की धारा 35ए वकीलों को न्यायिक कार्यों के बहिष्कार करने के अधिकार को रोकता है। इसके अलावा अमेंडमेंट बिल के मुवक्किलों की ओर से दिए गए दस्तावेज अगर फर्जी पाए गए तो उसकी जिम्मेदारी वकील की होगी। ये भी प्रस्ताव दिल्ली में वकीलों के विरोध की एक वजह है।
हिन्दुस्थान समाचार/संजय
हिन्दुस्थान समाचार / सुनीत निगम