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जयपुर, 20 फ़रवरी (हि.स.)। गोपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने कहा कि राज्य सरकार गौ सेवा के लिए समर्पित भाव से कार्य कर रही है। प्रदेश में 15 जिलों में जिला स्तरीय नंदीशाला तथा 16 जिलों की 53 पंचायत समितियों में नंदीशालाओं की स्थापना की गई है। एक वर्ष में 35 पंचायत स्तरीय नंदीशालाओं की स्थापना के लिए राज्य सरकार द्वारा 22 करोड़ चार लाख खर्च किए गए है।
कुमावत ने सदस्यों का आह्वान किया कि सभी सदस्य अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में अधिक से अधिक गौशालाएं खुलवाने के लिए कार्य करें, जिससे प्रदेश में गौ सेवा के कार्य प्राथमिकता से हो सकें।
गोपालन मंत्री गुरुवार को प्रश्नकाल में पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। इससे पहले विधायक गोविन्द प्रसाद के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में उन्होंने बताया कि झालावाड़ जिले में 67 गौशालाएं पंजीकृत हैं। जिनमें से वर्ष 2023-24 में 42 पात्र गौशालाओं को 14 करोड़ 37 लाख रुपये कि सहायता राशि दी गई। उन्होंने गत पांच वर्षों में दी गई सहायता राशि का संख्यात्मक विवरण पेश किशा। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 299 पंचायत समितियों में पंचायत समिति स्तरीय नंदीशाला खोलना शेष है।
गोपालन मंत्री ने बताया कि जिला स्तरीय नंदी गौशाला जन सहभागिता योजनान्तर्गत प्रत्येक जिले में जिला स्तरीय नन्दीशाला स्थापित करने के लिए 50 लाख रुपये का प्रावधान था। इसके तहत कुल राशि का 10 प्रतिशत अंशदान संस्था एवं 90 प्रतिशत अंशदान राज्य सरकार द्वारा दिया जाता है।
कुमावत ने बताया कि पंचायत समिति स्तरीय नंदीशाला जन सहभागिता योजनान्तर्गत आवेदन प्राप्त करने एवं पात्र गौशाला का चयन करने के लिए जिला स्तर पर निविदा आमंत्रित की जाती है। चयनित संस्था के साथ अनुबंध किया जाता है। योजना अन्तर्गत प्रावधित राशि एक करोड़ 57 लाख (10 : 90) का तखमीना प्राप्त किया जाता है। तखमीना अनुसार प्रशासनिक स्वीकृति जिला संयुक्त निदेशक, पशुपालन विभाग के स्तर पर जारी की जाती है। चयनित संस्था द्वारा योजना में प्रावधित राशि एक करोड़ 57 लाख रुपये का 10 प्रतिशत हिस्सा राशि का कार्य करवाया जाता है। दस प्रतिशत कार्य पूर्ण होने के उपरान्त राज्यांश की प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय किश्त 40, 40 व 10 के अनुपात में जारी करने का प्रावधान है।
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हिन्दुस्थान समाचार / रोहित