जन आस्था को पूरा सम्मान, अराजकता स्वीकार नहीं : मुख्यमंत्री
-अवैध रूप से रह रहे घुसपैठियों, रोहिंग्याओं को चिन्हित करें। लखनऊ, 20 फरवरी (हि. स.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगामी दिनों में होलिकोत्सव, शब-ए-बारात, रमजान, नवरोज़, चैत्र नवरात्र, राम नवमी आदि महत्वपूर्ण पर्व-त्योहार के शांतिपूर्ण आयोजन के संब
मुख्यमंत्री योगी (फाइल फोटो)


-अवैध रूप से रह रहे घुसपैठियों, रोहिंग्याओं को चिन्हित करें।

लखनऊ, 20 फरवरी (हि. स.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगामी दिनों में होलिकोत्सव, शब-ए-बारात, रमजान, नवरोज़, चैत्र नवरात्र, राम नवमी आदि महत्वपूर्ण पर्व-त्योहार के शांतिपूर्ण आयोजन के संबंध में बैठक की। गुरुवार की रात शासन स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों तथा जिला, रेंज, जोन व मंडल स्तर पर तैनात वरिष्ठ अधिकारी गणों के साथ बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए कि अवैध रूप से रह रहे घुसपैठियों, रोहिंग्याओं को चिन्हित करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान समय में हम सभी प्रयागराज महाकुम्भ के विशेष आयोजन से जुड़े हुए हैं। इसका समापन आगामी 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के अवसर पर होना है। इसी तरह, चंद्र दर्शन के आधार पर 01/02 मार्च से रमजान माह प्रारम्भ हो रहा है। फिर 13 को होलिका दहन और 14 मार्च को होलिकोत्सव मनाया जाएगा। इसी प्रकार मार्च में ही नवरोज, चैत्र नवरात्रि, राम नवमी और 30/31 मार्च को ईद-उल-फितर जैसे अनेक महत्वपूर्ण पर्व-त्योहार मनाये जाएंगे। अनेक स्थानों पर शोभायात्राओं का आयोजन होगा, मेले आदि लगेंगे। उल्लास और उमंग के इस विशेष पर्व कानून-व्यवस्था के दृष्टिगत यह समय संवेदनशील है।

14 मार्च को शुक्रवार का दिन है। अतः हमें विशेष सतर्कता-सावधानी रखनी होगी। विगत 08 वर्षों में प्रदेश में सभी धर्म-सम्प्रदाय के पर्व-त्योहारों के आयोजन शांति और सौहार्दपूर्ण माहौल में हुए हैं। इस क्रम को आगे भी बनाये रखना होगा।

महाकुम्भ का अंतिम स्नान पर्व महाशिवरात्रि के दिन होगा। प्रयागराज में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की उपस्थिति संभावित है। ऐसे में स्नान पर्व तिथि के ट्रैफिक-यातायात, रूट प्लान आदि की कार्ययोजना को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए। वाहन सड़क पर कतई खड़े न रहें, मूवमेंट चलता रहे। यह सुनिश्चित करायें कि श्रद्धालुओं को संगम स्नान के लिए कम से कम पैदल चलना पड़े।

संगम स्नान के लिए उत्साहित श्रद्धालु सुरक्षित क्षेत्र में ही स्नान करें, इसे सुनिश्चित किया जाए। नदी की तेज धार/गहराई की ओर कतई किसी को जाने न दें। चकर्ड प्लेट/पांटून पुलों का परीक्षण एक बार फिर कर लिया जाए। किसी भी स्तर पर चूक की संभावना न रहे। एडीजी जोन और मंडलायुक्त प्रयागराज महाकुम्भ मेला प्रशासन, प्रयागराज प्रशासन और पड़ोसी जनपदों के प्रशासन के बीच बेहतर समन्वय सुनिश्चित कराएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुम्भ को सफल बनाने में दैनिक वेतन भोगी कार्मिकों की बड़ी भूमिका है। ऐसे में महाकुम्भ में सेवाएं दे रहे सभी दैनिक वेतन भोगी कार्मिकों का मानदेय भुगतान तत्काल हो जाना चाहिए। इसे लंबित न रखें। यदि आउटसोर्सिंग एजेंसी भुगतान में देरी कर रही है तो उससे बातकर भुगतान कराएं। शासन स्तर से भी इन कार्मिकों के मानदेय भुगतान की समीक्षा की जाए।

महाशिवरात्रि के अवसर पर वाराणसी में श्री काशी विश्वनाथ धाम में दर्शन-पूजन के लिए 15 से 25 लाख श्रद्धालुओं का काशी आगमन संभावित है। यह अभूतपूर्व स्थिति होगी। प्रत्येक श्रद्धालु की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित कराना हमारी जिम्मेदारी है। इसमें किसी तरह की लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी। स्थानीय प्रशासन स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप ठोस कार्ययोजना लागू करें।

श्री काशी विश्वनाथ धाम में इस बार महाशिवरात्रि के अवसर पर पूज्य अखाड़ों की शोभा यात्रा भी निकलेगी। अखाड़ों के पूज्य संतों से संवाद करें, व्यवस्था ऐसी हो कि आम श्रद्धालु और अखाड़े, सभी को सुगमता से दर्शन सुलभ हो। सभी के आने-जाने का मार्ग, ट्रैफिक प्लान, ट्रेनों का आवागमन, क्राउड मैनेजमेंट सभी के संबंध में ठोस प्लान बनाकर लागू करें।

उन्होंने कहा कि महाशिवरात्रि के अवसर पर श्रीअयोध्याधाम में अनेक शोभायात्राएं निकलती हैं। नागेश्वरनाथ धाम और श्रीरामजन्मभूमि मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन होगा। इसी प्रकार बाराबंकी के महादेवा में भी भारी संख्या में श्रद्धालु दर्शन-पूजन को उमड़ेंगे। क्राउड मैनेजमेंट की कार्ययोजना लागू करें। रेलवे से संवाद बनाकर ट्रेनों का सुगम आवागमन सुनिश्चित कराएं। बेरिकेडिंग, पार्किंग प्लान पर विशेष ध्यान दें।

गाजियाबाद में दुग्धेश्वरनाथ मन्दिर, औघड़नाथ मंदिर मेरठ, पूरा महादेव मंदिर, बागपत के अलावा प्रदेश के सभी जिलों में स्थित शिवालयों में भारी संख्या में श्रद्धालुओं की उपस्थिति होगी। कांवड़ लेकर आने वाले श्रद्धालु भी बड़ी संख्या में होंगे। मंदिरों की स्वच्छता, प्रकाश व्यवस्था, मंदिर की ओर जाने वाले मार्गों पर स्वच्छता, पार्किंग प्लान, ट्रैफिक डायवर्जन के लिए बेहतर कार्ययोजना लागू करें। पुलिस की तैनाती भी सुनिश्चित करायें।

पर्व-त्योहार में शासन/प्रशासन द्वारा सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। धार्मिक परंपरा/आस्था को सम्मान दें, किंतु अराजकता स्वीकार नहीं की जाएगी। संदिग्ध लोगों पर नजर रखें। परंपरा के विपरीत किसी नए आयोजन को अनुमति न दें।

होलिका दहन 13 मार्च को होना है फिर अगले दिन शुक्रवार है और होलिकोत्सव है। कानून-व्यवस्था की दृष्टि से यह संवेदनशील अवसर है। कतिपय शरारती तत्व दूसरे सम्प्रदाय के लोगों को अनावश्यक उत्तेजित करने की कुत्सित कोशिश कर सकते हैं, ऐसे मामलों पर नजर रखें। संवेदनशील क्षेत्रों को चिन्हित करते हुए अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की जाए। पुलिस बल फुट पेट्रोलिंग जरूर करे। पीआरवी 112 एक्टिव रहे। सोशल मीडिया को लेकर अलर्ट रहें।

स्वच्छ परिवेश, त्योहार का उल्लास बढ़ाने वाला होता है। ऐसे में गांव हो या शहरी क्षेत्र, त्योहारों के मौके पर हर जगह साफ-सफाई होनी चाहिए। पारंपरिक शोभायात्रा/जुलूस निकलने से पूर्व सम्बंधित मार्ग की विशेष साफ-सफाई की जाए।

कहीं भी कूड़ा/गंदगी न हो। महिलाओं, बेटियों की सुरक्षा को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरतें।

त्वरित कार्यवाही और संवाद-संपर्क अप्रिय घटनाओं को संभालने में सहायक होती है। ऐसे में किसी भी अप्रिय घटना की सूचना पर बिना विलंब किए, जिलाधिकारी/पुलिस कप्तान बिना विलंब किए तत्काल खुद मौके पर पहुंचे। संवेदनशील प्रकरणों में वरिष्ठ अधिकारी लीड करें। सेक्टर स्कीम लागू करें।

धर्मस्थलों के आसपास भिक्षावृत्ति करने वालों को नियोजित किया जाना चाहिए। सभी जिलों में ई-रिक्शा चालकों का वेरिफिकेशन करायें।

स्ट्रीट डॉग की समस्या का स्थायी समाधान करायें।

अवैध रूप से रह रहे घुसपैठियों, रोहिंग्याओं को चिन्हित करें। स्ट्रीट वेंडर सड़क जाम का कारक न बनें अवैध टैक्सी स्टैंड जहां कहीं भी हों, तत्काल समाप्त करायें। सड़क केवल आवागमन के लिए होना चाहिए। इसके लिए थाना स्तर पर जवाबदेही तय होनी चाहिए।

माध्यमिक शिक्षा परिषद की बोर्ड परीक्षाओं का समय प्रारम्भ हो गया है। परीक्षाओं की शुचिता सुनिश्चित होनी चाहिए। पूरे प्रदेश में नकल विहीन परीक्षा ही होनी चाहिए।

कई क्षेत्रों से धर्मस्थलों से अवैध लाउडस्पीकर बजाए जाने की शिकायत मिल रही है। इस पर तत्काल कार्रवाई करें। धर्मस्थल परिसर से बाहर लाउडस्पीकर की आवाज नहीं आनी चाहिए। यदि ऐसा होता है तो नोटिस दें, समन्वय से लाउडस्पीकर उतरवाएं। अन्यथा की स्थिति में नियमानुसार कार्रवाई करें।

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हिन्दुस्थान समाचार / दिलीप शुक्ला