कानपुर से मायूस लौटे मरीज की बांदा में सफल ब्रेन सर्जरी
ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जहां कानपुर में इलाज से मायूस होकर लौटे मरीज की बांदा के अवनी परिधि हॉस्पिटल में सफल ब्रेन सर्जरी की गई और उनकी जान बच गई।
कानपुर से मायूस लौटे मरीज की बांदा में सफल ब्रेन सर्जरी


बांदा, 20 फ़रवरी (हि.स.)। चिकित्सा के क्षेत्र में बांदा लगातार नई ऊंचाइयों को छू रहा है। अब मरीजों को बड़े शहरों के चक्कर नहीं काटने पड़ रहे, बल्कि जो मरीज वहां से निराश होकर लौट रहे हैं, उन्हें भी बांदा में कम खर्च में बेहतर इलाज मिल रहा है।

ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जहां कानपुर में इलाज से मायूस होकर लौटे मरीज की बांदा के अवनी परिधि हॉस्पिटल में सफल ब्रेन सर्जरी की गई और उनकी जान बच गई। चित्रकूट के सकरौली निवासी राम खिलावन (71 वर्ष) को अचानक ब्लड प्रेशर बढ़ने के कारण ब्रेन हैमरेज हो गया। इससे उनके शरीर का एक हिस्सा काम करना बंद कर गया और वे बेहोश हो गए।

परिजनों ने पहले उन्हें बांदा लाकर प्राथमिक इलाज कराया, फिर बेहतर उपचार की उम्मीद में कानपुर ले गए, लेकिन कई दिन बीतने के बावजूद संतोषजनक इलाज नहीं मिला। निराश होकर, परिवार राम खिलावन को बांदा के प्रसिद्ध न्यूरोसर्जन डॉ. अरविंद झा के पास लेकर आया।

डॉ. अरविंद झा ने अवनी परिधि हॉस्पिटल में राम खिलावन को भर्ती कर ब्रेन सर्जरी करने का निर्णय लिया। करीब तीन घंटे चले ऑपरेशन के बाद उनकी जान बच गई। इस सफल सर्जरी में डॉ. झा के साथ डॉ. सुशील पटेल (एनेस्थीसिया विशेषज्ञ), चिरंजीत, देवेंद्र, आशीष सहित अन्य मेडिकल स्टाफ ने अहम भूमिका निभाई। राम खिलावन के परिजनों ने डॉ. अरविंद झा व उनकी टीम को भगवान का रूप बताया और उनका आभार जताया।

अवनी परिधि हॉस्पिटल की मेडिकल डायरेक्टर डॉ. नीलम सिंह (एम.एस., गायनी गोल्ड मेडलिस्ट) ने सफल ऑपरेशन के लिए डॉ. झा व उनकी टीम को बधाई दी।

बांदा में चिकित्सा सुविधाओं के विस्तार का यह एक और प्रमाण है कि अब गंभीर बीमारियों का सफल इलाज यहीं संभव है, जिससे मरीजों और उनके परिवारों को राहत मिल रही है।

हिन्दुस्थान समाचार / अनिल सिंह