Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
गोरखपुर, 19 फ़रवरी (हि.स.)। भोजपुरी भाषा और संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय और भोजपुरी एसोसिएशन ऑफ इंडिया (भाई) के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। इस ऐतिहासिक अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. पूनम टंडन और भाई के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राकेश श्रीवास्तव ने समझौते को औपचारिक रूप दिया।
इस समझौते के तहत दोनों संस्थान संयुक्त रूप से भोजपुरी भाषा, साहित्य, लोकसंस्कृति एवं परंपराओं के अध्ययन, अनुसंधान और प्रसार के लिए कार्य करेंगे। इस सहयोग से विद्यार्थियों को भोजपुरी भाषा को गहराई से समझने और इसके साहित्य एवं सांस्कृतिक मूल्यों से जुड़ने का अवसर मिलेगा।
इस अवसर पर कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने कहा,“भोजपुरी केवल एक भाषा नहीं, बल्कि हमारी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर है। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय सदैव अपनी लोकसंस्कृति और भाषाई विरासत के संरक्षण के लिए प्रयासरत रहा है। भाई द्वारा भोजपुरी भाषा और संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिए किए जा रहे उल्लेखनीय कार्यों को देखते हुए यह एमओयू किया गया है। यह साझेदारी भोजपुरी भाषा और साहित्य के अकादमिक अध्ययन को नई दिशा देगी तथा विद्यार्थियों के लिए शोध और रोजगार के नए अवसर खोलेगी।”
भोजपुरी एसोसिएशन ऑफ इंडिया (भाई) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राकेश श्रीवास्तव ने विश्वविद्यालय प्रशासन को धन्यवाद देते हुए कहा,
“गोरखपुर विश्वविद्यालय ने जिस विश्वास के साथ यह समझौता किया है, भाई उस पर पूरी तरह खरा उतरने का प्रयास करेगा। हमारा उद्देश्य नई पीढ़ी को भोजपुरी भाषा और लोक संस्कृति से जोड़ना तथा इसके प्रचार-प्रसार को वैश्विक स्तर तक ले जाना है।”
अंग्रेजी विभागाध्यक्ष प्रो. अजय शुक्ला ने कहा कि गत दिनों विश्वविद्यालय और भाई के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी संगोष्ठी को व्यापक सराहना मिली थी। उसी को ध्यान में रखते हुए यह समझौता किया गया है, जिससे भोजपुरी भाषा और साहित्य को अधिक गति मिलेगी और इसका प्रभाव अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और अधिक सशक्त होगा।
इस अवसर पर भोजपुरी एसोसिएशन ऑफ इंडिया (भाई) की ओर से कुलपति प्रो. पूनम टंडन को अंगवस्त्र एवं स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में प्रो. अनुभूति दुबे, भाई के संरक्षक डॉ. सुरेश, क्षेत्रीय संयोजक शिवेंद्र पांडेय, कोषाध्यक्ष राकेश मोहन और हृदया त्रिपाठी सहित विश्वविद्यालय के कई प्राध्यापक एवं शोधार्थी उपस्थित रहे।
इस एमओयू के माध्यम से भोजपुरी भाषा के संरक्षण और संवर्धन के लिए एक नवीन शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक पहल की गई है, जो विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को अपनी लोक संस्कृति से जुड़ने का एक अनूठा अवसर प्रदान करेगी।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / प्रिंस पाण्डेय