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जम्मू, 19 फ़रवरी (हि.स.)। सीएसआईआर-भारतीय एकीकृत चिकित्सा संस्थान (आईआईआईएम), जम्मू और राष्ट्रीय सोवा-रिग्पा संस्थान (एनआईएसआर), लेह ने सहयोगी साझेदारी के माध्यम से पारंपरिक चिकित्सा को आगे बढ़ाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। समीक्षा बैठक के दौरान आईआईआईएम के निदेशक डॉ. ज़बीर अहमद और एनआईएसआर की निदेशक डॉ. पद्मा गुरमेत ने अपने समझौता ज्ञापन के तहत प्रगति का आकलन किया और भविष्य की शोध पहलों की रूपरेखा तैयार की। चर्चा में सोवा-रिग्पा दवाओं के वैज्ञानिक सत्यापन, मानकीकरण और गुणवत्ता नियंत्रण पर ध्यान केंद्रित किया गया जिसका उद्देश्य पारंपरिक ज्ञान को आधुनिक स्वास्थ्य सेवा के साथ एकीकृत करना था।
सीएसआईआर-आईआईआईएम दवा खोज और प्राकृतिक उत्पाद अनुसंधान में माहिर है जबकि एनआईएसआर सोवा-रिग्पा दवा के संरक्षण और संवर्धन के लिए समर्पित है। दोनों संस्थानों ने पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों की वैज्ञानिक विश्वसनीयता और वैश्विक मान्यता की आवश्यकता पर जोर दिया। बैठक का समापन अनुसंधान सहयोग को गहरा करने, नए औषधीय फॉर्मूलेशन विकसित करने और आधुनिक स्वास्थ्य सेवा में सोवा-रिग्पा की भूमिका को बढ़ाने की प्रतिबद्धता के साथ हुआ। आईआईआईएम श्रीनगर के आरएमबीटी और आईएसटी प्रमुख इंजीनियर अब्दुल रहीम ने भी चर्चा में भाग लिया
हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा