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हुगली, 10 फ़रवरी (हि.स.)। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी माकपा पश्चिम बंगाल में अपने राज्य सम्मेलन की तैयारी कर रही है, जो 22 से 25 फरवरी, 2025 तक हुगली जिले के डानकुनी में आयोजित किया जाएगा। यह सम्मेलन महत्वपूर्ण है क्योंकि यह आगामी 2026 पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के लिए रणनीति बनाने पर केंद्रित है, जहां 294 नए सदस्य चुने जाएंगे।
सूत्रों के अनुसार, पार्टी का लक्ष्य गठबंधन बनाते हुए भी अपनी अलग राजनीतिक पहचान को बनाए रखना है। सम्मेलन में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी दोनों के खिलाफ आक्रामक रुख पर जोर दिया जाएगा। माकपाअपने स्वतंत्र राजनीतिक अभियान और जन-आंदोलन प्रयासों को बढ़ाएगी। चर्चा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा सदस्यता बढ़ाकर और प्रभाव का विस्तार करके, विशेष रूप से पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा में पार्टी के संगठनात्मक आधार को मजबूत करने पर होगा। पश्चिम बंगाल में, माकपा ग्रामीण गरीबों के बीच अपने काम को तेज करने की योजना बना रही है, उन्हें जन आंदोलनों के माध्यम से संगठित कर रही है। पार्टी भाजपा के खिलाफ राजनीतिक और वैचारिक लड़ाई में शामिल होगी, साथ ही तृणमूल का भी विरोध करेगी। तृणमूल द्वारा पार्टी पर भाजपा के प्रति नरम रुख अपनाने का आरोप लगाया जाता है, और भाजपा द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर तृणमूल के साथ गुप्त सहयोगी होने का आरोप लगाया जाता है। केरल में कांग्रेस के साथ माकपा की प्रतिद्वंद्विता को देखते हुए, सम्मेलन पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के साथ किसी भी स्थानीय गठबंधन या समझ पर पार्टी के रुख को भी स्पष्ट करेगा। इस सम्मेलन के परिणाम न केवल पश्चिम बंगाल के लिए बल्कि अप्रैल 2025 में तमिलनाडु के मदुरै में होने वाले राष्ट्रीय पार्टी सम्मेलन के लिए माहौल बनाने में भी महत्वपूर्ण होंगे, जो पूरे भारत में माकपा की रणनीति के लिए इसके व्यापक निहितार्थों को दर्शाता है।
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हिन्दुस्थान समाचार / धनंजय पाण्डेय