केंद्रीय बजटः ग्रामीण अर्थव्‍यवस्‍था में भारतीय डाक एक उत्‍प्रेरक के रूप में कार्य करेगा
- डीबीटी, सूक्ष्‍म उद्यमों को ऋण सेवा, बीमा और अन्‍य सेवाओं को शामिल करने के लिए भारतीय डाक सेवाओं का विस्‍तार किया जाएगा - विश्‍वकर्माओं, महिलाओं, एसएचजी, एमएसएमई की जरूरतें पूरा करने के लिए भारतीय डाक विशाल सार्वजनिक लॉजिस्टिक्‍स संगठन में बदलेगा
संसद में शनिवार को केंद्रीय बजट 2025-26 को पेश करती वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण


- डीबीटी, सूक्ष्‍म उद्यमों को ऋण सेवा, बीमा और अन्‍य सेवाओं को शामिल करने के लिए भारतीय डाक सेवाओं का विस्‍तार किया जाएगा

- विश्‍वकर्माओं, महिलाओं, एसएचजी, एमएसएमई की जरूरतें पूरा करने के लिए भारतीय डाक विशाल सार्वजनिक लॉजिस्टिक्‍स संगठन में बदलेगा

नई दिल्ली, 01 फरवरी (हि.स.)। केन्‍द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में केन्‍द्रीय बजट 2025-26 पेश करते हुए कहा कि 1.5 लाख ग्रामीण डाकघरों वाले भारतीय डाक को भारतीय डाक पेमेंट बैंक और 2.4 लाख डाक सेवकों के विशाल नेटवर्क की सहायता से ग्रामीण अर्थव्यवस्था के उत्प्रेरक के रूप में कार्य करने के लिए तैयार किया जाएगा।

वित्त मंत्री सीतारमण ने यह भी प्रस्‍ताव किया कि भारतीय डाक की विस्‍तारित सेवा श्रेणी में विभिन्न सेवाएं शामिल हैं। इनमें ग्रामीण समुदाय हब को-लोकेशन, सांस्‍थानिक खाता सेवाएं, डीबीटी, नकद निकासी और ईएमआई पिक-अप,सूक्ष्‍म उद्यमों को ऋण सेवाएं,बीमा और सहायता-प्राप्त डिजिटल सेवाएं हैं।

उन्होंने यह भी बताया कि भारतीय डाक को एक विशाल सार्वजनिक लॉजिस्टिक्‍स संगठन के रूप में बदला जाएगा। यह संगठन विश्वकर्माओं, नए उद्यमियों, महिलाओं, स्व-सहायता समूहों, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों और बड़े कारोबारी संगठनों की बढ़ती आवश्यकताओं को पूरा करेगा।

वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में भारतीय डाक पेमेंट बैंक की सेवाओं को व्‍यापक करते हुए उनका विस्‍तार भी किया जाएगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / दधिबल यादव