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नई दिल्ली, 01 फ़रवरी (हि.स.)। नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय रेल संग्रहालय ने आज रेल महोत्सव 2025 के भव्य उद्घाटन के साथ अपनी 48वीं वर्षगांठ मनाई।
यह महोत्सव 1, 2 और 4 फरवरी को तीन दिवसीय उत्सव है। यह कार्यक्रम भारत की समृद्ध रेलवे विरासत का सम्मान करने और कला, संस्कृति और समुदाय को एक साथ लाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
महोत्सव का उद्घाटन अरुणा नायर, सचिव रेलवे बोर्ड ने आशिमा मेहरोत्रा, ईडी/हेरिटेज, रेलवे बोर्ड और दिनेश कुमार गोयल, निदेशक/एनआरएम की उपस्थिति में किया। उसके बाद मनमोहक सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने रेलवे प्रेमियों और आगंतुकों का दिल जीत लिया।
उत्सव का मुख्य आकर्षण 1909 में शुरू हुई शताब्दी पुरानी पटियाला स्टेट मोनो ट्रामवेज़ (पीएसएमटी) की रोशनी थी और एनआरएम के पास काम करने की स्थिति में एकमात्र स्टीम मोनो रेल लोकोमोटिव और कोच। प्रतिष्ठित रामगोटी स्टीम लोकोमोटिव, 1862 में निर्मित, जो राष्ट्र की ऐतिहासिक रेल विरासत की झलक पेश करता है।
इसके अलावा किरण नादर कला संग्रहालय (केएनएमए) ने आकर्षक कार्यशालाओं की एक श्रृंखला का आयोजन किया है, जिसका उद्देश्य जनता को भारतीय रेलवे की आकर्षक दुनिया से जोड़ना है।
यह जीवंत कार्यक्रम सभी के लिए एक समृद्ध अनुभव होगा, जो भारत के रेलवे इतिहास के प्रति गहरी सराहना को बढ़ावा देगा और साथ ही इससे प्रेरित सांस्कृतिक और कलात्मक अभिव्यक्तियों का जश्न मनाएगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / दधिबल यादव