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कोलकाता, 01 फरवरी (हि. स.)। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने शनिवार को केंद्र सरकार के बजट प्रस्तावों की आलोचना करते हुए कहा कि 2025-26 का केंद्रीय बजट दिल्ली और बिहार विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है, न कि देशहित में।
पार्टी के पश्चिम बंगाल सचिव मोहम्मद सलीम ने आरोप लगाया कि पूर्वोत्तर, पश्चिम बंगाल और कई अन्य राज्यों को इस बजट में पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया है।
कोलकाता में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सलीम ने कहा कि इस बजट में दिल्ली को विशेष रूप से ध्यान में रखा गया है, क्योंकि यहां बड़ी संख्या में वेतनभोगी मध्यम और उच्च मध्यम वर्ग के लोग रहते हैं। उन्होंने कहा कि बजट में वेतनभोगी वर्ग के लिए बड़ी कर राहत दी गई है, जो आगामी दिल्ली चुनावों को देखते हुए किया गया फैसला है।
सलीम ने कहा कि इसी साल बिहार में भी चुनाव होना हैं और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस राज्य के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं। उन्होंने कहा कि यह बजट देश के लिए नहीं, बल्कि बिहार के लिए बन गया है। बिहार के लिए घोषित योजनाओं में मखाना बोर्ड की स्थापना, पश्चिमी कोसी नहर परियोजना के लिए वित्तीय सहायता और आईआईटी पटना की क्षमता बढ़ाने के लिए समर्थन शामिल है।
सलीम ने आरोप लगाया कि रेलवे में यात्री सुरक्षा को लेकर कोई अतिरिक्त बजटीय आवंटन नहीं किया गया, जबकि हाल के दिनों में कई ट्रेन हादसे हुए हैं।
इसके अलावा, उन्होंने बीमा क्षेत्र में विदेशी निवेश (एफडीआई) को 100 प्रतिशत तक बढ़ाने के प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा कि हम इसके खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार ने कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों को विदेशी निवेश के लिए खोल दिया है, जिससे देश की सुरक्षा को खतरा हो सकता है।
उन्होंने कहा कि यह सरकार आत्मनिर्भरता के नाम पर सत्ता में आई थी, लेकिन व्यवहार में हो यह रहा है कि देश के बढ़ते और महत्वपूर्ण क्षेत्रों को विदेशी ताकतों के लिए खोला जा रहा है।
माकपा नेता ने कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के बजट में भी कटौती की गई है। उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति को ध्यान में रखते हुए इस योजना के लिए आवंटित राशि और कम हो गई है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बजट में कृषि क्षेत्र, शिक्षा और बेरोजगारी जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर कोई ठोस उपाय नहीं किए गए हैं। सलीम ने दावा किया कि स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र को लेकर भी सरकार ने कुछ खास नहीं किया है।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर