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जम्मू, 31 जनवरी (हि.स.)। कला एवं संस्कृति के लिए विश्व मंच ने प्रसिद्ध रंगमंच निर्देशक पद्मश्री बलवंत ठाकुर को बेंगलुरू में आयोजित एक्सप्रेशन्स समिट-2025 में जम्मू एवं कश्मीर में रंगमंच एवं शांति स्थापना में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया। भाव-परिवर्तन कार्यक्रम के तहत उन्होंने भांड पाथेर रंगमंच परंपरा को पुनर्जीवित किया और 60 युवा नाटककारों एवं निर्देशकों को प्रशिक्षित किया जिसके परिणामस्वरूप पूरे क्षेत्र में 60 नाटक प्रस्तुत किए गए। नटरंग के माध्यम से उन्होंने उर्दू नाटक छूना है आसमान और परवाज़ का निर्माण भी किया जिसमें लचीलापन और प्रगति का सशक्त संदेश दिया गया।
100 अंतरराष्ट्रीय शहरों में 6,000 से अधिक सांस्कृतिक कार्यक्रमों और प्रदर्शनों के साथ ठाकुर ने जम्मू एवं कश्मीर के कलात्मक परिदृश्य में क्रांति ला दी है जिससे डोगरी रंगमंच वैश्विक सुर्खियों में आ गया है। उनकी नेतृत्वकारी भूमिकाओं में सचिव, जम्मू एवं कश्मीर कला, संस्कृति एवं भाषा अकादमी, क्षेत्रीय निदेशक, भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद और दक्षिण अफ्रीका एवं मॉरीशस में भारत के सांस्कृतिक राजनयिक शामिल हैं। जी-20 सम्मेलन में उनके सांस्कृतिक प्रदर्शन ने जम्मू-कश्मीर की जीवंत कलाओं की अब तक की सबसे बड़ी प्रस्तुति का रिकॉर्ड बनाया।
वर्तमान में नटरंग के प्रमुख ठाकुर भारतीय रंगमंच और सांस्कृतिक अभिव्यक्ति को बदलने में लगे हुए हैं। 12 गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स हासिल करने के लिए जाने जाने वाले वर्ल्ड फोरम फॉर आर्ट एंड कल्चर ने कला के प्रति उनके असाधारण समर्पण को मान्यता दी जिससे शांति और सांस्कृतिक संरक्षण पर उनके प्रभाव को बल मिला।
हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा