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बांदा, 31 जनवरी (हि.स.)। उद्यान विभाग के चौकीदार ने विभागीय दबाव और मानसिक तनाव से तंग आकर ड्यूटी के दौरान आत्महत्या कर ली। मृतक के परिजनों का कहना है कि उन्हें जबरन अतिरिक्त घंटों तक ड्यूटी करने के लिए मजबूर किया जाता था और नशेड़ियों द्वारा किए गए अपराधों में फंसाने की धमकी दी जा रही थी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है, जबकि फाॅरेंसिक टीम ने भी साक्ष्य एकत्रित किए हैं। हालांकि, विभागीय अधिकारी इसे घरेलू विवाद का परिणाम मान रहे हैं।
गिरवां कस्बे के ग्राम सौंता स्योढ़ा निवासी 57 वर्षीय दरबारीलाल उद्यान विभाग में माली के पद पर कार्यरत थे, लेकिन मौजूदा समय में उन्हें मंडलीय उद्यान अधिकारी कार्यालय में रात की चौकीदारी सौंपी गई थी। गुरुवार देर रात उन्होंने कार्यालय के बरामदे में चैनल से साफी का फंदा लगाकर जान दे दी। शुक्रवार सुबह करीब 5 बजे जब एक अन्य चौकीदार चूरामनी वहां पहुंचा तो उसने शव को लटकता पाया। तुरंत ही विभागीय अधिकारियों और परिजनों को सूचना दी गई।
मृतक के बेटे विनोद व अन्य परिजनों ने बताया कि दरबारीलाल शाम 3 बजे ड्यूटी के लिए निकले थे और शाम 5 बजे से लेकर अगले दिन सुबह 10 बजे तक लगातार काम करते थे, यानी उनसे लगभग 17 घंटे तक ड्यूटी करवाई जाती थी। नर्सरी परिसर में बाहरी लोग जबरन घुसकर शराब पीते थे, और अधिकारियों की ओर से धमकी दी जाती थी कि यदि कोई सामान चोरी हुआ तो इसकी जिम्मेदारी उन्हीं पर डाली जाएगी। इस मानसिक तनाव और विभागीय दबाव से परेशान होकर उन्होंने यह कठोर कदम उठाया।
कोतवाली प्रभारी पंकज सिंह ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है, हालांकि घटनास्थल से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है।
परिजनों के अनुसार, दरबारीलाल 1984 से संविदा पर कार्य कर रहे थे और 2014 में उनकी स्थायी नियुक्ति हुई थी। उनके परिवार में चार बेटे और एक बेटी हैं। घटना के बाद से पत्नी सुमित्रा सहित पूरे परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है।
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हिन्दुस्थान समाचार / अनिल सिंह