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- सब्जी बीजों के उत्पादन पर तकनीकी हस्तांतरण पर बीज उत्पादकों संग चर्चा
मीरजापुर, 31 जनवरी (हि.स.)। भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान (आईआईवीआर), अदलपुरा में शुक्रवार को एग्री बिजनेस इनक्यूबेटर एवं जोनल तकनीकी प्रबंधन इकाई के तत्वावधान में 'लेग्युम डे' का सफल आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में सब्जी मटर, फ्रेंच बीन, सेम, पंखिया सेम, बाकला एवं वेलवेट बीन की नवीनतम किस्मों और तकनीकों का प्रदर्शन किया गया।
इस मौके पर 15 बीज कंपनियों और किसान उत्पादक संगठनों के 50 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया और संस्थान द्वारा विकसित उन्नत किस्मों की विस्तृत जानकारी प्राप्त की।
संस्थान के कार्यकारी निदेशक डॉ. नागेंद्र राय ने दलहनी सब्जियों के पोषण संबंधी महत्व, उच्च गुणवत्ता वाले बीज मानकों और उनके विपणन पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने बताया कि संस्थान ने हाल के वर्षों में कई उन्नत किस्में विकसित की हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हाल ही में समर्पित सेम की जलवायु अनुकूल प्रजाति 'काशी बौनी सेम-207' भी इस कार्यक्रम में विशेष चर्चा का विषय रही। कार्यक्रम में संस्थान के विभागाध्यक्ष डॉ. अनंत बहादुर, डॉ. अरविंद नाथ सिंह, डॉ. पी. एम. सिंह, डॉ. डी. आर. भारद्वाज, डॉ. एस. के. सिंह, डॉ. डी. पी. सिंह, डॉ. इंदीवर प्रसाद, डॉ. ज्योति देवी, डॉ. जयदीप हालदार समेत कई वैज्ञानिक एवं तकनीकी कर्मचारी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ. राकेश कुमार दुबे और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. ज्योति देवी ने प्रस्तुत किया।
पीपीपी मॉडल के माध्यम से तकनीक को किसानों तक पहुँचाने की पहल
परियोजना समन्वयक डॉ. राजेश कुमार ने निजी कंपनियों के साथ पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने बताया कि संस्थान द्वारा विकसित उन्नत किस्मों को किसानों तक पहुँचाने के लिए पीपीपी मॉडल को बढ़ावा दिया जा रहा है।
प्रधान वैज्ञानिक डॉ. राकेश कुमार दुबे ने संस्थान द्वारा विकसित दलहनी सब्जियों की उन्नत किस्मों एवं तकनीकों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
बीज कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ प्रक्षेत्र भ्रमण और अनुज्ञा प्रक्रिया पर चर्चा
डॉ. नीरज सिंह एवं डॉ. सुदर्शन मौर्या, प्रधान वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष, एबीआई-जेडटीएमयू, ने बीज कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ प्रक्षेत्र भ्रमण किया और संस्थान द्वारा विकसित दलहनी सब्जी किस्मों के मूल्यांकन, लाइसेंसिंग एवं पंजीकरण प्रक्रिया पर चर्चा की।
हिन्दुस्थान समाचार / गिरजा शंकर मिश्रा