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-श्रम न्यायालय में विचाराधीन है मारुति के श्रमिकों का केस
-न्यायालय में लंबित मामलों को समाधान शिविर में ना लेकर आएं: अजय कुमार
-शिविर में डीसी ने 15 शिकायतों की सुनवाई की
गुरुग्राम, 31 जनवरी (हि.स.)। समाधान शिविरों में लोग न्यायालय में लंबित मामलों को लेकर भी पहुंच रहे हैं। ऐसे में जिला उपायुक्त अजय कुमार ने लोगों से आग्रह किया है कि वे न्यायालय में लंबित मामलों को इन शिविरों में ना लाएं। कोर्ट के केस की सुनवाई कोर्ट में ही होगी।
शुक्रवार को लघु सचिवालय परिसर में आयोजित किए गए समाधान शिविर में उपायुक्त अजय कुमार ने नागरिकों की शिकायतें सुनकर उनका मौके पर समाधान करवाया। इस अवसर पर पुलिस, शिक्षा, एचएसवीपी, जीएमडीए, राजस्व आदि विभागों के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।समाधान शिविर में कुल 15 शिकायतें उपायुक्त के समक्ष रखी गईं। जिनमें तुरंत कार्रवाई के निर्देश दे दिए गए हैं। मारुति उद्योग से निष्कासित श्रमिक एसडीएम मानेसर कार्यालय के समक्ष फिर से रोजगार दिलवाने की मांग को लेकर धरने पर बैठे हुए हैं। उन्होंने उपायुक्त से अनुरोध किया कि उन्हें मारुति में अब दोबारा रोजगार दिलवाया जाए। उनका मामला श्रम न्यायालय में विचाराधीन है। उपायुक्त ने कहा कि इस मामले में अब कोर्ट का फैसला जो भी होगा, उसे लागू किया जाएगा। जिला स्तर पर इस विषय का कोई समाधान नहीं है। कोर्ट के केसों की समाधान शिविर में सुनवाई नहीं की जा सकती।
गांव हरिनगर डूमा के प्रताप सिंह ने शिकायत रखी कि उनके गांव में सरकारी स्कूल की जमीन पर सामुदायिक भवन का निर्माण करवाया जा रहा है। यह मैदान बच्चों के खेलने के लिए है। अतएव इसे कहीं और बनाया जाए। उपायुक्त ने पटौदी के एसडीएम को इस मामले का अवलोकन करने के निर्देश दिए हैं। उपायुक्त अजय कुमार ने कहा कि समाधान शिविर में जिला प्रशासन से जुड़े विभागों से संबंधित शिकायतों का ही निवारण किया जा सकता है। जो मामला एक बार न्यायालय में चला गया है या फिर जिसका निर्णय कोर्ट में ही हो सकता है, ऐसी शिकायतों को शिविर में ना रखा जाए। उसका समाधान कोर्ट से ही हो सकता है। इस अवसर पर तहसीलदार शिखा गर्ग, एसीपी सुशीला देवी, सदर कानूनगो गुलाब सिंह, कर्मवीर, एसडीओ अजमेर सिंह इत्यादि मौजूद रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / ईश्वर