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कानपुर, 24 जनवरी (हि.स.)। मशरूम के व्यवसाय और खेती करने वाले कृषक, छात्र या शहरी लोग सीएसए में छह दिनों तक चलने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रम में हिस्सा ले सकते हैं। इस कार्यक्रम के जरिये इच्छुक लोगों को जानकारी के साथ-साथ प्रैक्टिकल भी करवाए जाएंगे। यह जानकारी शुक्रवार को मशरूम शोध केंद्र के नोडल अधिकारी डॉ. एसके विश्वास ने दी।
चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) के कुलपति डॉ. आनंद कुमार सिंह के निर्देश के क्रम में विश्वविद्यालय स्थिति मशरूम शोध एवं विकास केंद्र पादप रोग विज्ञान विभाग के अंतर्गत छह दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम 27 जनवरी से 1 फरवरी 2025 तक आयोजित किया जाएगा। मशरूम शोध केंद्र के नोडल अधिकारी डॉ. एसके विश्वास ने बताया कि कोई भी व्यक्ति फिर चाहे वह कृषक, छात्र का फिर शहर का ही क्यों न हो। जो भी मशरूम की खेती या व्यवसाय करना चाहते हैं तो यह उनके लिए उत्तम अवसर है। यहां से प्रशिक्षण प्राप्त कर लोग एस्टर, बटन या मिल्की मशरूम की खेती शुरू कर सकते हैं। छह दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में विस्तार से प्रशिक्षणार्थियों को तकनीकी सलाह उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही प्रशिक्षण के दौरान मशरूम उगाने के विभिन्न प्रकार के प्रयोग प्रैक्टिकल भी कराए जाएंगे। प्रशिक्षण में प्रतिभाग करने के लिए रुपया एक हजार रुपये पंजीकरण शुल्क के साथ अपनी आईडी आधार की कॉपी एवं एक स्वयं की पासपोर्ट साइज फोटो देनी होगी। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में अगर कोई किसान बाहर से आता है। तो उसे रुकने की व्यवस्था होगी लेकिन उसके लिए प्रशिक्षणार्थी को अलग से शुल्क देना होगा। मीडिया प्रभारी डॉ. खलील खान ने बताया कि सफलतापूर्वक प्रशिक्षण उपरांत सभी प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्र वितरित किए जाएंगे।
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हिन्दुस्थान समाचार / Rohit Kashyap