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अजमेर, 10 जनवरी(हि.स.)। ख्वाजा साहब का सालाना उर्स दरगाह में शिव मंदिर होने के दावे से उत्पन्न हालातों के बीच 10 जनवरी को ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह का 813 वां सालाना उर्स सभी धार्मिक आयोजन के साथ शांति के साथ संपन्न हो गया।
उर्स की शुरुआत 1 जनवरी को हुई थी। इस बीच 4 जनवरी को केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलात मंत्री किरण रिजिजू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से भी चादर पेश की। इतना ही नहीं मंत्री रिजिजू ने दरगाह के महफिल खाने में वेब पोर्टल और मोबाइल एप की लॉन्चिंग भी की। जिस माहौल में उर्स की तैयारियां शुरू हुई थी, उसमें सभी आयोजन शांतिपूर्वक संपन्न होगा इसे लेकर संशय बना हुआ था। जिला प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ था।
जिला कलेक्टर लोकबंधु और पुलिस अधीक्षक वंदिता राणा ने सभी संवेदनशील मामलों में धैर्य और समझदारी से काम करते हुए उर्स की व्यवस्थाओं को अंजाम दिया और उसका परिणाम है कि आज पूरा प्रशासन सुकून महसूस कर रहा है।
पाक जायरीन दल ने प्रशासनिक इंतजामों को सराहा
पाकिस्तान का जायरीन दल भी उर्स की छठी शरीफ के दिन अजमेर पहुंच गया था। यहां से जायरीन उर्स की नवीं यानी 10 जनवरी तक अजमेर में रहा। सेंट्रल गल्र्स स्कूल में अस्थाई विश्राम घर में जायरीन की तमाम सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने व्यवस्थाएं मुहैया कराई। जिसे पाक जायरीन ने दरगाह में अंजुमन संस्थाओं की ओर से किए गए दस्तारबंदी अभिनन्दन कार्यक्रम में सार्वजनिक रूप से सराहा।
कलेक्टर लोकबंधु और एसपी वंदिता राणा ने जरुरत के मुताबिक उर्स व्यवस्थाओं पर पूरी निगरानी बनाए रखी। सभी की सहूलियत का ख्याल रखा गया। इसके लिए प्रशासन की ओर से अब ख्वाजा साहब के मजार पर शुक्राना चादर पेश की जाएगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / संतोष