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इस्लामाबाद, 09 दिसंबर (हि.स.)। पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ ने सोमवार को पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) के फैसले को निलंबित करते हुए नेशनल असेंबली में आदिल बजई की सदस्यता बहाल कर दी। जस्टिस मंसूर अली शाह की अध्यक्षता वाली इस पीठ में जस्टिस अकील अब्बासी और जस्टिस आयशा ए मलिक शामिल थे। अदालत अगली सुनवाई 12 दिसंबर को करेगी।
बजई पर 26वें संवैधानिक संशोधन के पारित होने के दौरान विपक्ष का साथ देकर पार्टी की नीति की अवहेलना करने का आरोप लगाया गया था।इसके बाद पाकिस्तान चुनाव आयोग ने नेशनल असेंबली के स्पीकर सरदार अयाज सादिक के अनुरोध पर 21 नवंबर को क्वेटा के विधायक बजई को अयोग्य घोषित कर दिया था। इसके बाद बजई ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
याचिकाकर्ता के वकील तैमूर असलम के अनुसार आयोग ने बजई को अनुच्छेद 63-ए के तहत पद से हटा दिया गया था। उन्होंने तर्क दिया कि चुनाव आयोग ने न तो तथ्यों की उचित समीक्षा की और न ही बजई को जांच के लिए बुलाया। असलम ने दलील दी कि बजई के हलफनामे का मुद्दा पहले से ही एक सिविल कोर्ट में विचाराधीन था, जिससे इस मामले में ईसीपी के अधिकार क्षेत्र पर सवाल खड़े हो गए।
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हिन्दुस्थान समाचार / मुकुंद