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काठमांडू, 25 दिसंबर (हि.स.)। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली का भारत भ्रमण का निमंत्रण पाने के लिए किए गए सारे प्रयास विफल होने के बाद अब बांग्लादेश और पाकिस्तान की यात्रा की तैयारियों में जुटे हैं। इसके लिए उन्होंने दोनों देशों के राजदूतों से अलग-अलग मुलाकात कर भ्रमण की तारीख तय करने को कहा है।
मंगलवार शाम काठमांडू में पाकिस्तान के राजदूत अबरार हाशमी ने प्रधानमंत्री ओली से उनके सरकारी आवास पर मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान ही प्रधानमंत्री की तरफ से पाकिस्तान की यात्रा की इच्छा जताई गई। पांच दिन पहले ही बांग्लादेश के राजदूत सलाहुद्दीन चौधरी ने भी ओली से मुलाकात की थी, जिसमें उन्होंने ढाका की यात्रा की इच्छा जताई थी।
हालांकि इन दोनों ही मुलाकात को लेकर प्रधानमंत्री के सचिवालय की तरफ से कुछ और जानकारी दी गई है। बांग्लादेश के राजदूत के साथ प्रधानमंत्री ओली की मुलाकात को विदाई भेंट कहा गया था। प्रधानमंत्री के प्रमुख सलाहकार विष्णु रिमाल ने बताया कि राजदूत चौधरी को बांग्लादेश की सरकार ने यूएन में राजदूत बनाकर भेजने का निर्णय किया है जिसके बाद उन्होंने विदाई भेट की थी।
पाकिस्तान के राजदूत हाशमी के साथ कल हुई मुलाकात को लेकर भी रिमाल ने बताया कि यह एक सामान्य शिष्टाचार मुलाकात थी जिसमें सार्क को पुनः सक्रिय करने को लेकर बातचीत हुई है। रिमाल के मुताबिक प्रधानमंत्री ने सार्क को सक्रिय करते हुए पाकिस्तान में प्रस्तावित सार्क शिखर सम्मेलन के जल्द से जल्द संपन्न कराने को लेकर अपनी तरफ से पूरा प्रयास करने की बात हुई है। नेपाल इस समय सार्क का अध्यक्ष देश है और पाकिस्तान में प्रस्तावित सार्क सम्मेलन में पाकिस्तान को अध्यक्षता सौंपने की बात है। हालांकि भारत के विरोध के बाद अब तक सार्क सम्मेलन नहीं हो पाया है।
प्रधानमंत्री के प्रमुख सलाहकार चाहे जो भी दलीलें दें लेकिन बांग्लादेश और पाकिस्तानी दूतावास के अधिकारियों ने प्रधानमंत्री ओली की तरफ से अपने-अपने देशों में भ्रमण की इच्छा जताने और इसके लिए इस्लामाबाद से लेकर ढाका तक में संदेश पहुंचने की बात स्वीकार की है।
भारत से निमंत्रण नहीं मिलने से नाराज प्रधानमंत्री ओली जानबूझकर इस्लामाबाद और ढाका जाने की तैयारी में हैं। उनको मालूम है कि इस समय दिल्ली का संबंध न तो इस्लामाबाद से और न ही ढाका से अच्छा है। ऐसे में भारत पर दबाव बढ़ाने के लिए ओली पाकिस्तान और बांग्लादेश की यात्रा करना चाहते हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज दास