हिसार : चौधरी चरण सिंह ने ताउम्र किसानों व गरीबों के उत्थान के लिए कार्य किया : श्याम सिंह राणा
हिसार, 23 दिसंबर (हि.स.)। हरियाणा के कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने कहा है कि चौधरी चरण सिंह किसान व कमेरा वर्ग के सच्चे हितैषी थे। स्वयं एक किसान व ग्रामीण परिवेश से होने के नाते वे किसानों की समस्याओं को अच्छी तरह से समझते थे। वे मानते थे कि देश के
पूर्व प्रधानमंत्री स्व. चौधरी चरण सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करते कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा व अन्य।


हिसार, 23 दिसंबर (हि.स.)। हरियाणा के कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने कहा है कि चौधरी चरण सिंह किसान व कमेरा वर्ग के सच्चे हितैषी थे। स्वयं एक किसान व ग्रामीण परिवेश से होने के नाते वे किसानों की समस्याओं को अच्छी तरह से समझते थे। वे मानते थे कि देश के विकास का रास्ता खेत-खलिहानों से होकर गुज़रता है, इसलिए उन्होंने ताउम्र किसानों और गरीबों के उत्थान के लिए संघर्ष किया। कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा सोमवार को हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में पूर्व प्रधानमंत्री स्व. चौधरी चरण सिंह की 122वीं जयंती पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर में स्थापित चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। नलवा के विधायक रणधीर पनिहार, विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज व अन्य अधिकारियों ने भी पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा पर श्रद्वासुमन अर्पित किए। मंत्री ने कहा कि चौ. चरण सिंह ने देश में किसानों के जीवन और स्थितियों को बेहतर बनाने के लिए कई नीतियां बनाई। उन्होंने विभिन्न राजनैतिक पदों पर रहते हुए देश में जमींदारी प्रथा समाप्त कराना, भूमि सुधार अधिनियम लागू कराना, ऋण निमोचन विधेयक पारित कराना और केन्द्र्र में ग्रामीण पुनरूत्थान मंत्रालय स्थापित करना जैसे अनेक महत्वपूर्ण कार्य किए। किसानों के लिए उनके अतुलनीय योगदान के दृष्टिगत साल 2001 से 23 दिसंबर को उनकी जयंती को राष्ट्रीय किसान दिवस के रूप में मनाया जाने लगा है। नलवा के विधायक रणधीर पनिहार ने कहा कि चौधरी चरण सिंह ने किसानों के उत्थान के लिए अनेक कार्य किए।कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज ने कहा कि यह गौरव का विषय है कि विश्वविद्यालय का नाम इस महान नेता के साथ जुड़ा हुआ है। हम आज उनकी जयंती को किसान दिवस के रूप में मना रहे हैं। हमारा प्रयास है कि प्रदेश व देश के प्रत्येक किसान को इस विश्वविद्यालय में विकसित कृषि तकनीकों का लाभ पहुंचे।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर